*”कोरबा जिले के पसान परियोजना अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के रंग-रोगन में बड़ी गड़बड़ी, इस तरह हुई पैसों की बंदरबांट””**
कोरबा ::-पसान आंगनबाड़ी केंद्र का रंग-रोगन चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट, कमीशन के चक्कर में नहीं हुआ ठीक से पुताई,*
*कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा। कोरबा जिले के विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के पसान महिला बाल विकास परियोजना कार्यालय अंतर्गत आने वाले सभी 7 सेक्टर के आंगनबाड़ी केंद्रों में रंगरोगन के लिए प्रति आंगनबाड़ी छह हजार रुपए की राशि शासन ने उपलब्ध कराया था, किंतु उक्त राशि का उपयोग परियोजना आधिकारी एवम सभी सुपरवाइजर द्वारा अपने लिए किया गया है !!केंद्र के सिर्फ सामने की पोताई कर बड़ी गड़बड़ी की गई है। उक्त राशि से आंगनबाड़ी केंद्र के भवनों की पोताई की जानी थी…किंतु विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से आंगनबाड़ी केंद्रों की पोताई न कर भवन के सामने हिस्से की पोताई कर काम पूरा बता राशि खर्च कर कर दी गई हैं..विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के पसान परियोजना अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की पोताई करने के लिए अनुरक्षण मद से प्रति केंद्र छह हजार रुपए की दर से आबंटन किया गया था। इस राशि से केंद्र के पूरे भवन का रंग रोगन किया जाना था किंतु अधिकारियों ने राशि बचाने केंद्र के सामने के हिस्से की दीवार को ही रंग रोगन कर तीन हिस्से की दीवार की पोताई ही नहीं कराई। कोरोना संक्रमण काल के दौरान हुए इस काम से यह साबित हो गया है कि अधिकारियों ने मिलीभगत कर कोरोना काल के आपदा को अवसर में बदलने का बड़ा खेल किया है।यहां के पूरे परियोजना क्षेत्र में आलम यह है कि कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों को छोड़ दे तो अधिकांश केंद्रों में इस तरह की शिकायतें सामने आ रही है वही कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ ने बताया कि उक्त पोताई कार्य में लगे लोग केंद्र में आए और हमसे सहमति के बगैर भवन के सामने हिस्से को पोताई कर चले गए जिसकी जानकारी हमने उच्चअधिकारी को थी। बताया जाता है की बिना किसी टेंडर के यह कार्य सिर्फ कमीशन के चक्कर में किया गया है, जबकि बकायदे इसका टेंडर होना चाहिए था, मगर विभाग ने यह सब करना उचित नही समझा।वही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि 6000 राशि कार्यकर्ताओं के खाते में सीधे जारी किया गया था. जिसका उपयोग उनको रंग रोगन में करवाना था किंतु पसान परियोजना अधिकारी द्वारा उस राशि को परियोजना अधिकारी के पास लाकर जमा करवाया गया हैं…!!*