प्रमुख वैज्ञानिक ने दिए ये संकेत…

नई दिल्ली। भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन की तारीफ गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)  की प्रमुख वैज्ञानिक ने की है. डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि कोवैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल डेटा अच्छे हैं. अब प्रमुख वैज्ञानिक की तरफ से मुहर के बाद कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन का अप्रूवल मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं.

एक इंटरव्यू में सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा अच्छा है. उन्होंने वेरिएंट को भी देखा है. कुल मिलाकर इसकी प्रभावकारिता (इफिशिएंसी) काफी अधिक है. हालांकि, डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता कम है मगर फिर भी यह काफी अच्छा है. वैज्ञानिक ने आगे कहा कि कोवैक्सीन की सुरक्षा प्रोफ़ाइल अब तक डब्ल्यूएचओ के मानकों को पूरा करती है.

WHO के प्रमुख वैज्ञानिक स्वामीनाथन ने कहा कि अमेरिका को छोड़कर दुनिया के अधिकांश हिस्सों में कोरोना के मामलों में तेजी देखी गई है और मौतों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है. स्वामीनाथन ने भारत में कम से कम 60-70 प्रतिशत आबादी के प्राथमिक टीकाकरण का सुझाव दिया.

गावी पर प्रकाशित एक लेख से जगी उम्मीद

वैक्सीन की उपलब्धता के लिए बने वैश्निक संगठन GAVI पर प्रकाशित एक लेख में कोवैक्सीन को उम्मीद जगाने वाली वैक्सीन बताया गया है. गावी की वेबसाइट पर प्रकाशित इस लेख में कोवैक्सीन को हाई-एफिकेसी रेट वाली वैक्सीन बताया गया है. साथ ही लेख यह भी स्पष्ट करता है कि कोवैक्सीन से वैक्सीनेशन के बाद बुखार और शरीर दर्द जैसे सामान्य लक्षण उभरते हैं. इससे कोई गंभीर साइड इफेक्ट अभी तक नहीं देखा गया है.

क्या है गावी

गावी कम और मध्यम आय वाले देशों को वैक्सीन मुहैया कराने के लिए पब्लिक-प्राइवेट ग्लोबल हेल्थ पार्टनरशिप है. यह तय करता है कि दुनियाभर में वैक्सीन कार्यक्रम अमीर देशों के अलावा गरीब और मध्यम आय वाले देशों तक भी पहुंचे.

बता दें कि कोवैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल के नतीजे सामने आ चुके हैं, हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा जारी ट्रायल के डेटा के मुताबिक, फाइनल चरण के ट्रायल में देसी वैक्सीन कोवैक्सीन कोरोना के खिलाफ 77.8 फीसदी प्रभावी पाई गई है. वहीं, दुनिया भर में नया टेंशन देने वाले खतरनाक डेल्‍टा वेरिएंट के खिलाफ यह टीका 65.2% असरदार पाया गया है.

कोवैक्सीन को जल्द मंजूरी मिलने के आसार

मई में भारत बायोटेक ने इमरजेंसी यूज लिस्टिंग के लिए WHO के पास आवेदन दिया था. कहा गया था कि वैक्सीन को जुलाई-सितंबर तक सूची में शामिल किया जा सकता है. 23 जून को WHO और भारत बायोटेक के बीच एक प्री-सबमिशन मीटिंग हुई. एक बार भारत बायोटेक कोवैक्सीन के फेज-3 ट्रायल का पूरा डेटा जमा कर देता है, तो डोजियर पूरा हो जाएगा और फिर संगठन इसकी समीक्षा करेगा. कंपनी को उम्मीद है कि कोवैक्सीन की EULआवेदन की समीक्षा प्रक्रिया एफिकेसी स्टडी डेटा के जमा किए जाने के बाद जुलाई में शुरू हो जाएगी.