घर में शांति व्यवस्था कायम रखने पत्नी ने की पति के साथ अनोखा बर्ताव
कोंडागांव : छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में माकड़ी थाना क्षेत्र के सरइबेड़ा गांव की रहने वाली बुकाय मरकाम (44) ने अपने पति से मामूली विवाद पर मन की भड़ास को नियंत्रित न कर सकी और पति पुन्नूराम को मौत के घाट उतारकर शांति से जीने के लिए अपराधिक् शक्ति के रूप को अपना ली ।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कहने को तो महिला वर्तमान में आरोपी है, लेकिन महिला द्वारा किये गये कृत्य उसे अपराधी बना गई। अपराध करने में मदद कहां से मिला और किसने दी यह भी एक जांच का विषय है। महिला ने सुबह ही घर के किचन में रखे लोहे के बसूला से पति की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। घटना के बाद पुलिस जांच में जुट गई, और कुछ घंटों में ही हत्या के आरोपी महिला को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दियागया है।
जानकारी के मुताबिक, मृतक पुन्नूराम के भाई करिया मरकाम ने माकड़ी थाना में उक्त घटना के रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। साल 2014 में उसके बड़े भाई वासुदेव मरकाम की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। जिसके बाद सामाजिक रीति-रिवाज के साथ उसकी भाभी बुकाय मरकाम और मंझले भाई पुन्नूराम ने विवाह कर लिया था। माकड़ी थाना प्रभारी देवेंद्र दर्रो ने बताया कि, महिला का पति शराबी था। जो भी पैसे उनके पास होते थे, जाकर शराब पी लेता था, इसलिए उन दोनों में विवाद होते रहता था। घटना दिनांक को दोनों पति-पत्नी किचन में बैठे थे इसी दौरान दोनों के बीच विवाद हो गया। गुस्साए पत्नी ने पास में ही रखे लोहे के बसूला से पति की बेदम पिटाई कर दी। बुकाय ने पुन्नूराम के सिर, चेहरा, कंधे, कान सहित शरीर पर बड़ी बेरहमी से मारा। जिससे पुन्नूराम की मौके पर ही मौत हो गई।
इधर इस घटना की जानकारी लगने के बाद SP सिद्धार्थ तिवारी के निर्देशन के बाद माकड़ी थाना प्रभारी देवेंद्र दर्रो ने एक टीम गठित की। इस टीम में SI अनंत पांडेय, ASI राकेश कुमार भोयर, आरक्षक रोशन सोनवानी, शांति ध्रुव शामिल थी। यह टीम मामले की जांच में जुटी और दोषी पाए जाने के बाद मृतक के पत्नी महिला आरोपी को गिरफ्तार करके न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
” शराबी पति ने घटना पूर्व शराब पी रखा था “
शराब के नशे में अपनी पत्नी का गला दबाने की कोशिश की। गुस्से में महिला ने आपा खो बैठी और पास में ही रखे लोहे के बसूला से अपनी पति की पिटाई कर दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस दम्पत्ति के दो बच्चे भी हैं जो घटना के समय घर पर पर नहीं थे, कहीं बाहर खेलने-कूदने में मशगूल थे। जिन्हें कि शराब के चलते नियति ने एक तरह से बेसहारा बना दिया है, अब उसे स्वयं के मेहनत से जीवन यापन करने को मजबूर कर दिया है, उन बच्चों के पिता का साया उठ गया है और मां अपराधी बनकर जेल में अशांति से जीने-मरने की स्थिति में चली गई है।
सम्पादक की कलम से
* शराब के नशे से हो रहे घटना-दुर्घटना की जवाबदेही किसकी *
पुरुष और महिलाओं में हत्या जैसे अपराध की बढ़ रहे घटनाओं को देखते हुए लगता है कि देश गहरी खाइयों की ओर बढ़ रहे हैं व्यसन के कारण टूट के कगार पर पहुंच रहे परिवार गरीबी में जी रहा है और सामाजिक वातावरण दुषित हो रहा है। देश भर में लोगों के घरों में शराब के नशे से प्रतिदिन हजारों अपराध बढ़ रहे हैं। जिसके चलते देश की आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा रही है।बढ़ रहे अपराध के घटना को रोकने की जिम्मेदारी देश की जनता से अधिक हमारे कानून निर्माताओं को है जो अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने और स्वयं के सेलरी बढ़ाने – कानून बनाने में मिनट भर की देरी नहीं करते, परन्तु सामाज सुधार पर मौनी हो जाते हैं।
क्या देश और प्रदेश की सरकार वर्षों से शांति व्यवस्था कायम रखने के प्रयास में बेकसूर से अपराधी बने उस महिला और उनके बच्चे सहित अन्य जनता को न्यायालय से न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाने हेतु कार्य करेंगी? देशहित में समाज सुधारक कानून स्थापित करने की आवश्यकता है।
आधुनिक परिवेश की चकाचौंध और उपरोक्त घटना को देखते हुए शांति व्यवस्था कायम रखने में लगातार असफल देश-प्रदेश की सरकार को अपनी न्यायिक व्यवस्था बदलने हेतु विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।