korba medical college

काेरबा मेडिकल काॅलेज की शुरुआत के लिए संचालनालय चिकित्सा शिक्षा ने 11 विभाग के लिए पखवाड़े भर पहले 51 डाॅक्टराें की नियुक्ति आदेश जारी किया है, लेकिन अब तक एक भी डाॅक्टर ने काेरबा पहुंचकर ज्वाइनिंग नहीं दी है। दूसरी ओर जिला अस्पताल में पदस्थ दाे सीनियर डाॅक्टराें ने चिकित्सा शिक्षा विभाग में सेवा देने से इनकार कर दिया, जिससे उन्हें स्वास्थ्य विभाग के लिए कार्यमुक्त कर दिया है।

काेरबा के नए मेडिकल काॅलेज काे इस साल नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) से चिकित्सा शिक्षा के लिए अनुमति मिल सके, इसके लिए स्थानीय स्तर पर तैयारी पूरी कर ली गई है, लेकिन अब नया पेंच संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा नियुक्त किए गए डाॅक्टराें का नहीं आना बन रहा है। दरअसल 2 अगस्त काे संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा काेरबा मेडिकल काॅलेेज में 11 विभाग के संचालन के लिए 51 डाॅक्टराें की नियुक्ति आदेश जारी किया गया। इसमें प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक और सह-प्राध्यापक हैं। उम्मीद थी कि हफ्तेभर के भीतर डाॅक्टर आकर ज्वाइनिंग ले लेंगे, लेकिन एक पखवाड़ा हाेने के बाद भी उनमें से काेई डाॅक्टर नहीं पहुंचा है। सूत्राें के मुताबिक ज्यादातर डाॅक्टर नए काॅलेज हाेने और अब तक मान्यता नहीं मिलने के साथ ही शहर में उनके लिए आवास की समस्या के चलते काेरबा आना नहीं चाह रहे हैं। ऐसे में मेडिकल काॅलेज प्रबंधन की चिंता बढ़ गई है।

एनएमसी की टीम जल्द आएगी काॅलेज निरीक्षण करने
मेडिकल काॅलेज प्रबंधन के मुताबिक मेडिकल काॅलेज की तैयारी और डाॅक्टर समेत स्टाफ नियुक्ति की जानकारी एनएमसी काे भेजी गई थी। उसे स्वीकार कर लिया गया है। अब इसके बाद अगली प्रक्रिया में एनएमसी की टीम जल्द निरीक्षण के लिए आएगी। इसलिए तैयारी तेज कर दी गई है। निरीक्षण के दाैरान एनएमसी के तय मानक अनुसार तैयारियां मिलने पर इस वर्ष से चिकित्सा शिक्षा के लिए अनुमति मिल जाएगी।

इन विभागाें में की गई है डॉक्टरों की नियुक्ति
मेडिकल काॅलेज में छात्राें काे चिकित्सा शिक्षा देने के लिए अलग-अलग मेडिकल काॅलेज में पदस्थ 51 चिकित्सा शिक्षक (डाॅक्टर्स) की अस्थाई रूप से नियुक्त किया है, जाे मेडिकल काॅलेज में प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक और सह-प्राध्यापक के ताैर पर पदस्थ रहेंगे। इसके लिए रायगढ़ व बिलासपुर के मेडिकल काॅलेज में पदस्थ ज्यादातर डाॅक्टराें काे नियुक्त किया है, जिसमें 2-3 डाॅक्टर रायपुर मेडिकल काॅलेज से भी है।

जिला अस्पताल: डाॅक्टराें काे पदनाम
डाॅ. एके तिवारी ईएनटी विभाग, डाॅ केएल ध्रुव जनरल सर्जरी, डाॅ. स्वाती सिसाेदिया गायनिक, डाॅ. एस श्रीवास्तव ईएनटी, डाॅ. वीना अग्रवाल जनरल सर्जरी, डाॅ. अन्नया श्रीवास्तव जनरल मेडसीन, डाॅ. दीक्षा जनरल मेडसीन, डाॅ. अमूल्या जनरल मेडसीन, डाॅ. प्रभात प्राणिग्रही जनरल सर्जरी, डाॅ. जीआर दीवान आर्थाेपैडिक, डाॅ. धरमबीर सिंह टीबी चेस्ट, डाॅ. आरकेएस राठाैर साइकेट्रिक, डाॅ. अशाेक शाक्य डरमेटाेलाॅजी सभी काे मेडिकल काॅलेज में जूनियर रेसिडेट का पदनाम दिया गया।

चिकित्सा शिक्षकाें नहीं दी ज्वाइनिंग
मेडिकल काॅलेज के डीन डाॅ. वायडी बड़गईया के मुताबिक संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा पदस्थ किए गए चिकित्सा शिक्षकाें ने अब तक ज्वाइनिंग नहीं दी है। इस संबंध में शासन काे सूचना भेजी गई है। जिससे उन्हें निर्देशित किया जा सकें। जिला अस्पताल के डाॅ. एके तिवारी व डाॅ. केएल ध्रुव काे छाेड़कर बाकी सभी डाॅक्टर मेडिकल काॅलेज में सेवा देने काे तैयार है। इसलिए उक्त दाेनाें डाॅक्टर काे चिकित्सा शिक्षा से कार्यमुक्त किया जा रहा है। आगे वे संचानलय स्वास्थ्य सेवाएं में ही सेवा देना चाहते हैं।

डाॅ. स्वाती काे मिलेगी सीएस की जिम्मेदारी
सिविल सर्जन डाॅ. एके तिवारी के मेडिकल काॅलेज में सेवा देने काे तैयार नहीं हाेने से उन्हें चिकित्सा शिक्षा से कार्यमुक्त करने की स्थिति में दूसरे सीनियर डाॅक्टर काे सीएस बनाया जाएगा। डाॅ. तिवारी के बाद दूसरे नंबर के सीनियर डाॅ. ध्रुव काे भी कार्यमुक्त कर दिया है। ऐसे में अब डाॅ. स्वाती सिसाेदिया जाे महिला राेग विशेषज्ञ है, उन्हें यह जिम्मेदारी मिल सकती है।