जोहान्सबर्ग। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रान ने दक्षिण कोरिया और सऊदी अरब में दस्‍तक दे दी है। दोनों ही मुल्‍कों में इस वैरिएंट का पहला केस सामने आया है। इसको लेकर नित नए खुलासे हो रहे हैं। इसको लेकर डब्‍ल्‍यूएचओ भी चिंता जाहिर कर चुका है। अब स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों ने इसको डेल्टा वैरिएंट से भी खतरनाक बताया है। दक्षिण अफ्रीका के संचारी रोग संस्थान के निदेशक का कहना है कि इस बात की प्रबल संभावना है कि यह कोरोना के सबसे संक्रामक डेल्टा वैरिएंट को भी पीछे छोड़ देगा।

दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट फार कम्युनिकेबल डिजीज (NICD) के कार्यकारी कार्यकारी निदेशक एड्रियन प्योरन ने कहा है कि यह हमेशा से सवाल रहा है कि क्या यह डेल्टा वैरिएंट को पीछे छोड़ देगा? अब तक हमने देखा है कि ट्रांसमिशन के मामले में शायद यह स्पेशल वैरिएंट है। यदि यह वैरिएंट डेल्टा की तुलना में अधिक तेजी के साथ फैलता है तो इससे संक्रमण में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। यही नहीं इसके संक्रमण के चलते अस्‍पतालों पर दबाव बढ़ सकता है।

एड्रियन प्योरन ने आगे कहा कि वैसे वैज्ञानिक चार हफ्ते में पता लगा लेंगे कि यह वैरिएंट कितना खतरनाक है और अभी तक उपलब्‍ध वैक्‍सीन क्या इसके लिए प्रभावी हैं। दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों के मुताबिक ओमिक्रान से संक्रमित रोगियों में हल्के लक्षण पैदा होते हैं। इन लक्षणों में सूखी खांसी, बुखार और रात को पसीना आना शामिल है।

कोरोना मरीजों में नए वैरिएंट के बारे में सबसे पहले संदेह जाहिर करने वाली डा. एंजेलिक कोएत्जी ने बताया कि उन्होंने 18 नवंबर को पहली बार अपनी क्लीनिक पर सात ऐसे मरीज देखे जो डेल्टा से इतर किसी नए स्ट्रेन से ग्रसित लग रहे थे। इन मरीजों में संक्रमण के बहुत हल्के लक्षण मौजूद थे। सनद रहे कि डब्ल्यूएचओ पहले ही आगाह कर चुका है कि ओमिक्रोन पूरी दुनिया में फैल सकता है। ओमिक्रोन में स्पाइक प्रोटीन वाले हिस्से में बहुत ज्यादा म्युटेशन हुए है जिसकी वजह से कुछ क्षेत्रों में गंभीर नतीजे हो सकते हैं।