आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के द्वारा चल रहे हड़ताल को आम आदमी पार्टी सारंगढ़ बिलाईगढ के द्वारा पूर्ण समर्थन किया गया।
जिलाध्यक्ष अजय कुर्रे जी से हूई मुलाक़ात में उन्होंने बतलाया की छत्तीसगढ़ प्रदेश में तकरीबन एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन का आम आदमी पार्टी पुरे छ. ग. प्रदेश स्तर पर समर्थन कर रही है और आप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा पहले ही प्रदेश स्तर पर समर्थन की घोंसणा की जा चुकी है।
इसी कड़ी में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में 6 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ और सहायिकाओं को भी आम आदमी पार्टी सारंगढ़ बिलाईगढ़ के जिला अध्यक्ष अजय कुर्रे जी के द्वारा टीम के साथ प्रत्यक्ष रूप से धरना स्थल पर पहुंचकर पूर्ण रूप से समर्थन दिया गया है।
उन्होंने कहा छ.ग. प्रदेशवासियों के संज्ञान में हम यह बात लाना चाहते हैं की कांग्रेस सरकार ना सिर्फ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के साथ, बल्कि पुरे छत्तीसगढ़ के अनियमित कर्मचारियों, दैनिक वेतनभोगी, अंश कालीन , ठेका कर्मी, मेहमान प्रवक्ता इन सभी के साथ वादा खिलाफी कर रही है।
चार वर्ष पूर्व चुनावी जुमले के रूप में कांग्रेस पार्टी ने अपने जन घोषणा पत्र में कहा था कि सभी अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा। और सत्ता में आते ही वह वायदे दरकिनार कर दिए गये। कांग्रेस पार्टी का तो यह दावा था की हमारी पार्टी कि सरकार बनने पर हम यह कार्य प्राथमिकता के साथ करेंगे। परन्तु आज प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने चार वर्ष हो चुके और अब तक अनियमित कर्मचारियों को आज पर्यन्त नियमित नहीं किया गया है।
वहीं आप जिलाध्यक्ष अजय कुर्रे जी के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को समर्थन देते हुए कहा कि उन्हें शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे, शासकीय कर्मचारी घोषित किये जाने तक सरकार द्वारा अपने जन घोषणा पत्र में घोषित नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन और कलेक्टर दर पर वेतन दिया जावे।
इसके साथ ही आप जिलाध्यक्ष अजय कुर्रे जी के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओ और सहायिकाओं की छ: सूत्रिय मांगो को जायज करार देते हुवे उनका समर्थन किया, और धरना प्रदर्शन पर बैठे बहनों का मनोबल बढ़ाते हुवे कहा की आप यह ना सोचियेगा की आप बहनें अकेली हैं। बल्कि आम आदमी पार्टी के भाई बहनें ना केवल सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले से बल्कि पुरे छत्तीसगढ़ प्रदेश से आपकी आवाज बनकर आपका साथ देने आयी है। सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्त्ता आपकी आवाज बुलंद करने में आप सभी का हर कदम पर साथ निभाने आये हैं।
आम जनता को भी सरकार की यह वादाखिलाफ़ी नजर आ रही है। जनता को पूरी तरह यह समझ आ गया की सही क्या और गलत क्या। और जिस तरह यह जनता चार वर्षो पूर्व प्रदेश की निकम्मी भाजपा की सरकार के कार्यप्रणाली से असंतुष्ट होकर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाई है।
बिल्कुल उसी तरह अब यह जनता वर्तमान कांग्रेस की सरकार के द्वारा किये जा रहे वादाखिलाफ़ी और जन सेवा विहीन कार्यप्रणाली से असंतुष्ट नजर आ रही है और आगामी चुनाव में जनता अपना निर्णय पुनः अपने वोटो के माध्यम से देकर यह जता देगी की जनता को निकम्मी सरकार नहीं चाहिए उन्हें तो कार्य करने वाली वादे निभाने वाली सरकार चाहिए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को समर्थन देने पहुंचे आम आदमी पार्टी के सारंगढ़-बिलाईगढ़ टीम में मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष अजय कुर्रे, जे.पी. तिवारी, जिला सचिव दादू राम प्रेमी, भुपेंदर चन्द्रा, संजय निराला, भ्रमण सोनवानी एवं शिव प्रसाद कोसले उपस्थित रहे।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के द्वारा की गई मांगे इस प्रकार है।
1) आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए। शासकीय कर्मचारी घोषित किए जाने तक सरकार द्वारा अपने जन घोषणापत्र में घोषित नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन और कलेक्टर दर पर वेतन तत्काल दिया जाए।
2) आंगनबाड़ी सहायिकाओं को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर शत प्रतिशत एवं कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर शत-प्रतिशत पदोन्नत किया जाए एवं विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन किया जावे।
3) आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राइमरी स्कूल में प्राइमरी शिक्षक का दर्जा दिया जाये इसके साथ ही उन समान वेतन भी दिया जाये।
4) मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के बराबर समान काम का समान वेतन दिया जाए एवं कैश कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर समाहित किया जाए।
5) आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹500000 सहायिकाओं को ₹300000 रिटायरमेंट के बाद एक मुश्त दिया जाए और मासिक पेंशन ग्रेच्युटी और समूह बीमा लागू किया जाए।
6) प्रदेश स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के रिक्त पदों को भरा जाए और पोषण ट्रैक एवं अन्य कार्य के लिए जब तक मोबाइल नेट चार्ज नहीं दिया जाता तब तक मोबाइल में कार्य करने का दबाव ना दिया जाए