पटना। New Oxygen Plants in BIhar: बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण (National Highway Authority of India) 15 जगहों पर मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाएगा। एक प्लांट की न्यूनतम क्षमता 960 लीटर प्रति मिनट होगी। वातावरण से सीधे ऑक्सीजन लेकर पीएसए टेक्नोलॉजी (PSA Technology) के माध्यम से ऑक्सीजन तैयार किया जाएगा। एनएचएआइ के अखिल भारतीय कार्यक्रम के तहत बिहार में 15 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि पीएम केयर्स फंड से भी बिहार में 15 जगहों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने हैं। इसी के साथ राज्य सरकार भी प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी में है। अगर सब कुछ सही रहा तो राज्य के हर जिले में कम से कम एक ऑक्सीजन प्लांट तो हो ही जाएगा।
पाइपलाइन से अस्पताल तक पहुंचेगी ऑक्सीजन
एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी चंदन वत्स ने इस संबंध में बताया कि अगले सात दिनों के भीतर एनएचएआइ को मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट की आधारभूत संरचना तैयार कर देनी है। इसके बाद संयंत्र स्थापित किए जाने का काम एलएंटी और टाटा द्वारा किया जाएगा। इस योजना के तहत पाइपलाइन के माध्यम से अस्पताल तक मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचा दिया जाएगा।
- एनएचएआइ बिहार में सात दिनों के अंदर 15 ऑक्सीजन प्लांट लगाएगा
- एक प्लांट की क्षमता 960 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन तैयार करने की होगी
- आधारभूत संरचना का निर्माण कर एलएंडी और टाटा को सौंपा जाएगा
- अस्पतालों के मुख्य द्वार तक पाइप लाइन माध्यम से पहुंचेगा ऑक्सीजन
इन जगहों पर एनएचएआइ लगाएगा ऑक्सीजन प्लांट
1. पटना में मसौढ़ी
2. रोहतास में डेहरी ऑन सोन
3. वैशाली में महुआ
4. नवादा में रजौली
5. पश्चिम चंपारण में नरकटियागंज
6. सिवान में महाराजगंज
7. मधुबनी में जयनगर
8. समस्तीपुर में पटोरी
9. पूर्णिया में बनमनखी
10. अररिया में फारबिसगंज
11. सहरसा में सिमरी बख्तियारपुर
12. बेगूसराय में बलिया
13.भागलपुर में कहलगांव
14. भोजपुर में जगदीशपुर
15. बक्सर में डुमरांव
पीएम केयर्स फंड से इन जिलों में लगना है ऑक्सीजन प्लांट
पीएम केयर्स फंड से बिहार के भोजपुर, बेगूसराय, भागलपुर, दरभंगा, कटिहार, गया, गोपालगंज, मधुबनी, नालंदा, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, पटना, सहरसा और वैशाली जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने हैं। प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो यानी पीआइबी ने इस बाबत जानकारी साझा की थी। इन सभी प्लांट को सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध जमीन पर लगाने की तैयारी है।