मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनीति और धर्म के घालमेल पर बड़ा हमला किया है। रायपुर के कोटा स्थित विवेकानंद विद्यापीठ में आयोजित ’विवेकानंद राष्ट्रीय युवा सम्मेलन’ में मुख्यमंत्री ने कहा, आजकल राजनीति करने वाले धर्म की बात कर रहे हैं और धार्मिक गुरु चुप बैठे हुए हैं। हम हिंदू हैं, हमें इस बात पर गर्व है लेकिन किसी और धर्म का अपमान करें यह उचित नहीं है। धर्म कभी घृणा की बात नहीं कर सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा, साधु संत के दो काम हैं, जगत का कल्याण और आत्म उन्नति। यदि आपके मन में घृणा है तो आप साधु नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने कहा था कि आप किसी भी पद्धति से प्रार्थना करिए या पूजा करें, आप एक ही ईश्वर तक पहुंचेंगे। आप किसी भी रास्ते से चलिए आप पहुंचेंगे एक ही जगह पर। उन्होंने समानता की बात कही, जोड़ने की बात कही, यही हिंदुस्तान की ताकत है। भारत की धरती से अनेक धर्म निकले हैं। हमें सभी धर्मो का सम्मान करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने रायपुर में बनने वाले स्वामी विवेकानंद के स्मारक को सबसे बेहतर बनाने की बात कही।
उन्होंने कहा, राजधानी रायपुर में स्वामी विवेकानंद जी की स्मृति में बनने वाला राष्ट्रीय स्मारक अब तक स्थापित उनके सभी स्मारकों से किसी बात में कम नही होगा। हमारी कोशिश होगी कि यह स्मारक सबसे बेहतर हो। कार्यक्रम में बताया गया, स्वामी विवेकानंद के अमेरिका में तीन और भारत में 12 स्मारक हैं। रायपुर में बनने वाला स्मारक स्वामी विवेकानंद का 16वां स्मारक होगा। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में उपस्थित रामकृष्ण मिशन और विवेकानंद विद्यापीठ के पदाधिकारियों, सम्मेलन के अतिथियों से रायपुर में स्थापित होने वाले स्मारक के स्वरूप के संबंध में सुझाव देने का आग्रह भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रामकृष्ण आश्रम राजकोट के अध्यक्ष स्वामी निखिलेश्वरानंद जी ने की। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थे।
स्वामी विवेकानंद की स्मृतियों पर बात की
मुख्यमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ से विवेकानंद जी का गहरा लगाव रहा है। कोलकाता के बाद स्वामी विवेकानंद जी ने रायपुर में सबसे ज्यादा समय बिताया। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने विपक्ष में रहते हुए रायपुर एयरपोर्ट का नाम विवेकानंद जी के नाम पर रखने के लिए विधानसभा में एक अशासकीय संकल्प पेश किया था। स्वामी विवेकानंद जी का व्यक्तित्व इतना विराट है कि उनके नाम पर पक्ष-विपक्ष के सभी सदस्यों ने सहमति व्यक्त की और संकल्प विधानसभा में पारित हुआ।
रामकृष्ण आश्रम भी देगा स्मारक में सहयोग
स्वामी निखिलेश्वरानंद जी ने अध्यक्षीय भाषण में कहा, स्वामी विवेकानंद ने एक संदेश दिया था। भारत को प्रेम करें और उठो जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक मत रूको। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद युग दृष्टा थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ में स्थापित होने वाले स्मारक के लिए हर संभव सहयोग देने की बात कही।