रायपुर। छत्तीसगढ़ के पांच लाख कर्मचारियों में 34 प्रतिशत डीए और सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता नहीं मिलने पर नाराजगी है। इसे लेकर 22 अगस्त से सभी कर्मचारी हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले सभी जिलों व ब्लॉक में संयोजक और पर्यवेक्षक बैठकें ले रहे हैं। राजधानी में फेडरेशन की बैठक में निर्णय लिया गया है कि अनिश्चितकालीन हड़ताल में तहसीलदार भी शामिल होंगे। यह पहला मौका होगा, जब तहसीलदार हड़ताल में शामिल होंगे। अब तक धरना-प्रदर्शन और कानून-व्यवस्था के दौरान कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के रूप में तहसीलदारों की ड्यूटी रहती है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने के संबंध में निर्णय नहीं लेने पर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। बता दें कि पहली बार इंद्रावती भवन में एडिशनल डायरेक्टर स्तर तक के राजपत्रित अधिकारी भी हड़ताल पर थे।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेशभर के कर्मचारी-अधिकारी दो सूत्रीय मांग 34 प्रतिशत मंहगाई भत्ता और सातवें वेतनमान में गृहभाड़ा भत्ते को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे है। फेडरेशन के तृतीय चरण के आंदोलन में 25 जुलाई से 29 जुलाई तक कर्मचारियों में राज्यव्यापी आक्रोश दिखा था। फेडरेशन के बैनर तले हुए आंदोलन से प्रदेश के समस्त शासकीय कार्यालयों में तालाबंदी के साथ ही शासकीय तंत्र पूर्णतः ठप रहा।