रायपुर। केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता व गृह भाड़ा भत्ता के साथ ही स्थानांतरण के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति के गठन के विरोध में कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से हड़ताल का एलान कर दिया है। 25 से 29 जुलाई तक घोषित हड़ताल में प्रदेश के शिक्षक भी सहभागिता निभा रहे है, जिसके चलते स्कूलों में भी तले लटकेंगे। 23 औऱ 24 जुलाई को शनिवार का अवकाश जिसके बाद 30 व 31 जुलाई को फिर से शनिवार व रविवार का अवकाश पड़ने के कारण लगातार 9 दिनों तक शासकीय कार्य प्रभावित होंगे।
कल हुई कैबिनेट की बैठक में विधायकों के वेतन भत्ते तो बढ़ाये गए पर कर्मचारियों अधिकारियों के वेतन भत्ते नही बढ़ाये गए हैं। जिससे आक्रोशित होकर केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता व गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर प्रदेश के सभी विभाग के अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। इस सम्बंध में शालेय शिक्षक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे का कहना है कि प्रदेश में तीन किस्म का भत्ता मिल रहा है, जिसमे सीएसईबी कर्मचारियों को 34 प्रतिशत आईएएस व आईपीएस को 32 प्रतिशत व बाकी कर्मचारी व अधिकारियों को 22 प्रतिशत है जो कर्मचारियों के साथ अन्याय है। इससे प्रदेश के कर्मचारी 6 से 15 हजार रुपये हर माह नुकसान झेल रहे हैं। जबकि मंत्री व विधायको का वेतन तीन साल में दो बार बढ़ गया है।
जबकि तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता व गृह भाड़ा भत्ता नही दिया जाकर अन्याय हो रहा है। इसके अतिरिक्त विगत तीन वर्षों से स्थानांतरण नीति पर प्रतिबंध नही हटाया जा रहा है। चुनाव पूर्व प्रतिबंध हटने की गुंजाइश थी पर टालमटोल करते हुए मंत्रिमण्डलीय उपसमिति के गठन का निर्णय लिया गया है। जिमसें तिन मंत्री सदस्य होंगे। सामान्य तृतीय व चतुर्थ वर्ग कर्मचारी इन मंत्रियो तो अपने आवेदन प्रस्तुत करने व स्थानांतरण करवाने में पहुँच विहीन रहेंगे। इसका परिणाम मंत्रियो के निजी सचिव का हस्तक्षेप होगा। व तबादला उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। मई-जून में स्थानांतरण नीति तैयार कर ट्रांसफर कर दिया जाता है। ताकि बच्चो के पढ़ाई व स्कूल आदि में प्रवेश पर परेशानी न हो। अब कब तक मंत्रिमण्डलीय उपसमिति ट्रांसफर नीति तैयार कर ट्रांसफर करेगी। एसी स्थिति में कर्मचारियों के साथ ही बच्चो की पढ़ाई में भी अवरोध उत्पन्न होगा।