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बिलासपुर, 2 मार्च 2022। झीरम घाटी कांड में राज्य की एजेंसी से जांच करवाने के खिलाफ एनआईए की याचिका को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी। हाइकोर्ट की डिवीजन बेंच ने यह फैसला दिया है। ज्ञातव्य है कि 25 मई 2013 को दरभा के झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर हमला कर दिया था. इस नरसंहार में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा और सुरक्षाबलों सहित 29 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें कांग्रेस के 20 से ज्यादा नेता मारे गए थे. बताया जाता है कि बस्तर में रैली खत्म होने के बाद कांग्रेस नेताओं का काफिल सुकमा से जगदलपुर जा रहा था. काफिले में करीब 25 गाड़ियां थीं. जिनमें लगभग 200 नेता सवार थे.

हमले की जांच एनआईए ने कर के चालान पेश किया था। जिससे असंतुष्ट कांग्रेस नेता उदय मुदलियार के पुत्र जितेंद्र मुदलियार ने 2020में दरभा थाने में फिर से एफआईआर करवाई थी। जिसके खिलाफ एनआईए ने पहले स्पेशल जज के पास याचिका लगा कर केश डायरी एनआईए को सौपने की मांग की थी जिसे स्पेशल जज ने खारिज कर दिया था।

जिसके बाद एनआईए ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। आज याचिका पर जस्टिस सामंत व जस्टिस चंदेल की डिवीजन बेंच में बहस हुई जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि राज्य की एजेंसी जांच करने के लिये स्वंत्रत हैं। इसके साथ ही एनआईए की याचिका को कोर्ट ने निरस्त कर दी।