सड़कों पर भारी भीड़, भूख हड़ताल की चेतावनी
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अभी कोरोना की दूसरी लहर धीमी पड़ी है. कोरोना खत्म नहीं हुआ है, लेकिन सड़कें भीड़ से गुलजार हैं. प्रदेश में आंदोलन और रैलियों का दौर चल रहा है. कोरोना के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. कोरोना संक्रमण के बीच शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने भी मोर्चा खोल दिया है. सड़कों पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है.
शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन
रायपुर के बूढ़ा तालाब में तकरीबन ढाई हजार शिक्षक अभ्यर्थी राज्य सरकार से नियुक्ति देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि वे काफी लंबे समय से राज्य सरकार से नियुक्तियों की मांग कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों की ही नियुक्तियां हुई है. बाकी सभी लोग इंतजार में बैठे हैं कि उनकी नियुक्तियां कब होगी.
ढाई हजार अभ्यर्थियों ने खोला मोर्चा
शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि आज वे सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे हैं. राज्य सरकार उनकी मांगों को अनसुना करती है, तो वे आने वाले समय में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के करने लिए बाध्य होंगे. उन्ही शिक्षक अभ्यर्थियों में से एक नंद किशोर वर्मा बारिश और गर्मी का सामना कर 1500 किलोमीटर की सायकल यात्रा करते हुए रायपुर पहुंचे हैं. राज्य सरकार से नियुक्ति देने की मांग कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड-बीएड संघ के प्रदेश अध्यक्ष दाऊद खान का कहना है कि वे राज्य सरकार से नियुक्ति देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अबतक उनकी मांगों को अनसुना किया गया है. वहीं सुशांत धरई का कहना है कि उन्होंने आज सांकेतिक प्रदर्शन कर राज्य सरकार को चेतावनी दी है. अगर राज्य सरकार जल्द ही चयनित शिक्षकों की भर्ती का निर्णय नहीं लेती, तो वे आने वाले समय में अनिश्चितकालिन भूख हड़ताल करने को मजबूर होंगे.
बता दें कि रायपुर में धारा 144 अब भी लागू है. धरना, प्रदर्शन, रैली और जुलूस पर पाबंदी लगाई गई है. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के खतरे को लेकर राज्य में अलर्ट जारी किया गया है. उसके बाद भी शिक्षक अभ्यर्थी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन के लिए रायपुर पहुंचे हैं. इससे लग रहा है कोरोना को न्योता दिया जा रहा है. जबकि कभी भी कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है, लेकिन लोग बेखौफ होकर भीड़ जुटा रहे हैं. प्रशासन मौन बैठा है.