रायपुर। मीसाबंदियों के पक्ष में आये हाईकोर्ट के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने ऐतिहासिक जीत करार देते हुए कहा कि प्रजातंत्र की आज जीत हुई है. इस फैसले से दूध का दूध पानी का पानी हो गया. हाईकोर्ट की डबल बेंच ने बड़ा फैसला दिया है, जो इस सरकार के लिए बड़ा सबक है.

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि 2008 में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था. मीसाबंदी जिस प्रकार से प्रताड़ित रहे. 19 महीने जेल में रहे. उनका व्यवसाय, उनकी रोजी-रोटी छीन गई और उनके जीवन भर की संपत्ति उनके परिवार के खर्च में चले गए. उनको राहत देने के लिए मानदेय की राशि पेंशन के रूप में दिया जाए. इसके जरिए मीसाबंदियों के जीवन में एक बेहतरी लाने का प्रयास हुआ था. कांग्रेस की सरकार आते ही भूपेश बघेल ने तुगलकी फैसला लिया. मीसाबंदियों को मिलने वाले पेंशन को बंद कर दिया गया.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय ने मीसाबंदियों के पक्ष में फैसला दिया था, लेकिन भूपेश सरकार ने उस फैसले पर भी अमल नहीं किया. मीसाबंदी इस मामले को हाईकोर्ट की डबल बेंच लेकर गए. कोर्ट से गुहार लगाई गई कि बकाया पेंशन समेत दोबारा पेंशन शुरू किया जाए.