नई दिल्ली । कोरोना वायरस का नया खतरा सामने आया है। इंदौर स्थित दो बड़े अस्पतालों में कोरोना से ठीक होने के बाद भी दो मरीजों की मौत हो गई। मौत की वजह साइटोकाइन स्टार्म को बताया गया है। साइटोकाइन शरीर में मौजूद प्रोटीन की एक श्रृंखला होती है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है।

डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस शरीर में प्रवेश करते ही कोशिकाओं पर हमला बोलता है और इनको नष्ट करने के उद्देश्य से तेजी से अपनी संख्या बढ़ाने लगता है। इम्यून सिस्टम को वायरस के आने का पता चलते ही वह स्वस्थ कोशिकाओं को बचाने के लिए साइटोकाइन को संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट करने का संकेत देता है। ऐसी स्थिति में इम्यून सिस्टम अधिक संख्या में साइटोकाइन पैदा करता है, जिसे साइटोकाइन स्टार्म कहा जाता है। जरूरत से ज्यादा संख्या हो जाने के कारण यह फेफड़ों की स्वस्थ कोशिकाओं भी नष्ट करने लगता है। इस वजह से मरीजों की मौत हो जाती है।

पुलिस अधिकारी के पिता की मौत

इंदौर के सांवेर रोड के पास एक निजी अस्पताल में एक पुलिस अधिकारी के पिता को भर्ती किया गया था। उनके अंदर कोरोना संक्रमित था। इलाज के बाद उनकी तबियत में सुधार हुआ और रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई, लेकिन घर ले जाते ही स्वास्थ्य खराब हो गया। मरीज के परिजनों ने न्यूरो फिजिशियन की सलाह ली तो पता चला कि कि उन्हें साइटोकाइन स्टार्म आया है।

डीआइजी स्तर के अधिकारी की पत्नी की मौत

इंदौर के राजेंद्रनगर क्षेत्र स्थित एक बड़े अस्पताल में डीआइजी स्तर के अधिकारी की पत्नी को भर्ती कराया गया था। उनके अंदर भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई। सीटी स्कैन रिपोर्ट आई तो मौत का खुलासा हुआ। दरअसल, उनके शरीर में कोविड-19 के कारण फैला संक्रमण कम हो गया था। आक्सीजन का स्तर भी ठीक था, लेकिन अचानक उनकी मौत हो गई। मौत की वजह साइटोकाइन स्टार्म को बताया गया है।

तेज बुखार और खून जमना है लक्षण

इंदौर के इंडेक्स अस्पताल के डा. सुधीर मौर्य का कहना है कि साइटोकाइन स्टार्म के कारण तेज बुखार होता है और खून जमना शुरू हो जाता है। श्वेत रक्त कोशिकाएं स्वस्थ ऊतकों पर भी हमला करने लगती हैं और फेफड़ों, हृदय, यकृत, आंतों, गुर्दा और जननांग पर प्रतिकूल असर डालती हैं। कोरोना संक्रमितों की मौत की एक वजह यह भी बन रही है।