नई दिल्ली।
दिल्ली और देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए संस्कृति मंत्रालय ने राजधानी दिल्ली में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित कुतुब मीनार, लाल किला, हुमायूं का मकबरा समेत अपने सभी स्मारकों को 15 मई तक बंद रखने का फैसला लिया है। इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार शाम 4 बजे कोरोना वायरस की स्थिति पर एक समीक्षा बैठक करेंगे। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।
इसके साथ ही दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कोविड-19 प्रबंधन के लिए नोडल मंत्री नियुक्त बनाया गया है। वह अंतर-मंत्रालयी समन्वय की जिम्मेदार भी संभालेंगे।
दिल्ली में गुरुवार को कोरोना के 6,699 नए केस आने आने के साथ ही संक्रमित मरीजों का कुल आंकड़ा बढ़कर 7.84 लाख के पार पहुंच गया। इसके साथ ही अब पॉजिटिविटी रेट भी 20.22 फीसदी पर आ गया है। कोरोना संक्रमण से कल 112 मरीजों की मौत भी हो गई थी। बुधवार को 17,282 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की है कि जब भी घर से बाहर निकलें तो फेस मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने जैसे कोविड दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें।
गौरतलब है कि दिल्ली में जारी कोरोना की चौथी लहर के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों कहा था कि शहर में हालात बेहद गंभीर हैं बहुत जरूरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकलें। केजरीवाल ने कहा था कि कोरोना की चौथी लहर पिछली लहर से ज्यादा खतरनाक है। सरकार स्थिति पर करीब से नजर रख रही है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार दिल्ली में लॉकडाउन नहीं लगाना चाहती, लेकिन अगर अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई और गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए बेड्स उपलब्ध नहीं रहे तो लॉकडाउन लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि हमें आपका सहयोग चाहिए। अगर आपका सहयोग मिलता है और अस्पतालों की स्थिति नियंत्रण में रहती है तो दिल्ली में लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन अगर अस्पतालों में बेड्स की कमी हो जाती है और बेड्स खाली नहीं रहते तो लॉकडाउन लगाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर अस्पताल व्यवस्था चरमरा जाती है, तभी लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि मैं लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं हूं। मेरा मानना है कि लॉकडाउन कोविड-19 से निपटने का समाधान नहीं है। अगर अस्पताल व्यवस्था चरमरा जाती है तो तभी लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए। उन्होंने लोगों से कहा कि अगर वे कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाते हैं तो अस्पतालों में जाने के बजाय होम आइसोलेशन में रहें और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गंभीर मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड्स खाली रखे जाएं।