नई दिल्ली। कुछ राज्यों की तरफ से कोरोना रोधी वैक्सीन की कमी की शिकायतों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि लोगों में दहशत पैदा करने के लिए आधारहीन बयान दिए जा रहे हैं। राज्यों को यह अच्छी तरह से पता होता है कि उन्हें कब और कितनी डोज मिलेगी। मांडविया ने कहा कि केंद्र की तरह से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना वैक्सीन की डोज के आवंटन के संबंध में पहले ही सूचना दे दी जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि राज्य सरकारें जिला स्तर तक टीकाकरण का काम सही योजना बनाकर कर सकें और लोगों को कोई परेशानी नहीं हो।
जुलाई के महीने में वैक्सीन की उपलब्धता को बढ़ाकर 13.50 करोड़ डोज किया गया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट किया, ‘टीके की उपलब्धता के संदर्भ में मुझे विभिन्न राज्य सरकारों और नेताओं के बयान एवं पत्रों से जानकारी मिली है। तथ्यों के वास्तविक विश्लेषण से इस स्थिति को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है। निरर्थक बयान सिर्फ लोगों में घबराहट पैदा करने के लिए किए जा रहे हैं। ‘स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकारी और निजी अस्पतालों के जरिये टीकाकरण हो सके, इसलिए जून महीने में वैक्सीन की 11.46 करोड़ डोज राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपलब्ध कराई गईं और जुलाई के महीने में इस उपलब्धता को बढ़ाकर 13.50 करोड़ डोज किया गया है।
इसके बावजूद अगर वैक्सीन लेने वालों की लंबी कतारें दिख रहे हैं तो स्पष्ट है इसकी वजह कौन है
मांडविया ने कहा कि जुलाई में कितनी डोज दी जाएंगी, इसकी जानकारी राज्यों को 19 जून को ही दे दी गई थी। इसके बाद 27 जून व 13 जुलाई को केंद्र की ओर से राज्यों को जुलाई के पहले व दूसरे पखवाड़े के लिए उन्हें हर दिन की टीके उपलब्धता की जानकारी बैच के हिसाब से एडवांस में ही दी गई। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अगर केंद्र पहले से ही अपनी तरफ से ये जानकारियां एडवांस में दे रही है और इसके बावजूद भी हमें कुप्रबंधन और टीके लेने वालों की लंबी कतारें दिख रही हैं तो यह बिल्कुल स्पष्ट है कि समस्या क्या है और इसकी वजह कौन है।