दीपका क्षेत्र अंतर्गत कोल् व्यवसायी एवं सोशल वर्कर दिलीप सिंह जी के द्वारा आसपास के क्षेत्र अंतर्गत निवासरत लोगों के लिए साथ ही दूरअंचल क्षेत्रों से यहां पहुंचने वाले लोगों के लिए जनहित में निःशुल्क रूप से एम्बुलेंस व शव फ्रिज़र उपलब्ध करवाया गया है।
यहां गौर फरमाने की बात यह है की दीपका-गेवरा क्षेत्र एसिया का नंबर वन कोल् माइंस क्षेत्र है। जहां भारत के कोने कोने से ट्रकें कोयला लेने पहुँचती हैं। वहीं आये दिन सड़क दुर्घटना होना यहां के लिए आम हो चला है।
खदानों में या फिर बाहर सड़कों पर दुर्घनाओं में दिन ब दिन इजाफा होता जा रहा है। ना केवल खदानों में बल्कि इस क्षेत्र दौड़ते दैत्यकार ट्रकों, अत्याधिक शराब, चिंता इत्यादि अनेकों कारण से सड़क दुर्घटना में इजाफा होता जा रहा है।
गाड़ी ड्राइवर और खल्लासी बाहर दूर देश से ट्रक चलाते हुवे यहां आते हैं और किसी तरह के दुर्घटना के शिकार हो जाने उपरांत उनका स्थानीय किसी व्यक्ति से जान पहचान ना होने के कारण कई बार उन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार नहीं मिल पाता या फिर उनको इमरजेंसी में बिलासपुर या कोरबा ले जाने हेतु व्यवस्था नहीं हो पाती। जिस वजह से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की स्थिति गंभीर हो जाती थी या कई मामलों में तो दुर्घटना ग्रस्त पीड़ित व्यक्ति की मौत तक हो जाया करती है।
दीपका क्षेत्र अंतर्गत ज्योति नगर ने निवास करने वाले सोशल वर्कर दिलीप सिंह जी से हूई मुलाक़ात में उन्होंने बतलाया की आज आदरणीय कोरबा कलेक्टर महोदय संजीव झा जी के हांथों एम्बुलेंस एवं शव फ्रिज़र का लोकार्पण किया गया।
आगे दिलीप जी ने बतलाया की यह एम्बुलेंस पूरी तरह से निःशुल्क रहेगी एम्बुलेंस के लिए ईंधन खर्च यहां तक की ड्राइवर के लिए भोजन का खर्च भी उठाने की जरूरत पीड़ित व्यक्ति या उनके परिवार को नहीं पड़ेगी। बल्कि वह खर्च हम स्वयं वहन करेंगे फिलहाल यह सेवा आसपास के 100 किलोमीटर तक के लिए उपलब्ध करवाई गई है।
दिलीप सिंह जी से ज़ब उनके इस नेक कार्य के पीछे छुपी दिल की भावनाओं को जानने की कोसिस की गई तब उन्होंने भावुक स्वरों में नव ऊर्जा संवाददाता से रूबरू होते हुवे बतलाया की मैं लम्बे अरसे से देख रहा था की आसपास ज़ब किसी का एक्सीडेंट होता है तो कई बार आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण लोग ambulence का खर्च तक वहन नहीं कर पाते। ऐसे में दुख की घड़ी में किसी से कर्ज लेकर किसी तरह से एम्बुलेंस का खर्च जुटाया जाता है।
कई बार तो सक्षम लोग जिनके घर में अचानक दुर्घटना होने से पैसे तुरंत हांथो में ना होने से एम्बुलेंस की व्यवस्था करने में तकलीफ होती थी वहीं दूर देश से गेवरा खदान पहुंचने वाले कोयले के काम से जुड़े व्यक्ति चाहे वह ड्राइवर हो या खल्लासी या मुंसी हो। ज़ब अचानक दुर्घटना ग्रस्त हो जाया करते हैं तब उनका यहां स्थानीय लोगों से पहचान ना होने की वजह से उन्हें हॉस्पिटल ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था करने में दिक्क़त होती थी।
इसके साथ ही कई मर्तबा सरकारी एम्बुलेंस बिजी रहने से लोग एम्बुलेंस का इंतज़ार करते रहते हैं और जान का जोखिम बना रहता है।
कई बार गर्भवती महिलाओं को तुरंत एम्बुलेंस ना मिलने से प्रशव पीड़ा अत्याधिक देर तक सहन करना पड़ता था।
इन तमाम तरह की सामाजिक कमियों को देखकर दिल में एक आवाज लम्बे समय से उठ रही थी की इन सबके लिए अपनी ओर से कुछ करूँ पर क्या करूँ कैसे करूँ सभी जरुरत मंदो तक कैसे पहुंचूं यह समझ नहीं आ रहा था।
फिर एक दिन ख्याल आया की क्यों ना एक एम्बुलेंस की व्यवस्था कर दी जाये और उस सेवा को निःशुल्क तौर पर उपलब्ध करवा दी जाये। जिससे की दिल में उठ रही मदद करने की भावना तो तृप्त होगी ही इसके साथ ही सब तक मदद भी आसानी से पहुंच जाएगी। बस इसी शुभ विचार से जनहित में यह निःशुल्क एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। साथ ही शव फ्रिज़र की भी व्यवस्था निःशुल्क तौर पर की गई है।
क्योंकि मैंने कई बार देखा की संबंध संपर्क में ज़ब कभी किसी की मृत्यु हो जाती है और उनके सगे संबंधी जो अलग अलग राज्यों या विदेशों में रहते हैं जिनके दाह संस्कार में पहुंचने तक dead body को सुरक्षित रखने की जरूरत पडती है। जिसके लिए शव फ्रिज़र के द्वारा ऐसे घरों की जरूरतों को पूरा करने का एक छोटा सा प्रयास किया गया है।
एम्बुलेंस का हेल्पलाइन नंबर 9981545130 है किसी भी प्रकार से एम्बुलेंस की सेवा लेने के लिए आप दिए गये नंबर पर संपर्क कार्य सकते हैं।