आम लोगों को हो रही है परेशानी, कार्रवाई को लेकर नहीं दिखाई जा रही गंभीरता
उर्जानगरी कोरबा में कबाड़ का अवैध धंधा एक बार फिर से फलने फूलने लगा है। सारे नियमों को ताक पर रखकर कबाड़ी अपने काले कारनमों को अंजाम देने में लगे हुए है। खास बात यह है,कि इन कोई हाथ भी नहीं डाल रहा है। जिन पर अवैध कारनामों को रोकने की जिम्मेदारी है वे या तो आंख मूंदकर बैठे हैं या फिर नजराना लेकर अपनी जवाबदेही से पीछे हट रहे है। रिस्दी से कोरकोमा जाने वाले मार्ग पर ऐसा ही एक कबाड़ दुकान है जिसने राहगीरों के साथ साथ आम जनता का भी जीना मुहाल कर रखा है।
कोरबा जिले के एसपी और कलेक्टर की कुर्सी पर चेहरा बदलने के साथ ही अवैध कार्यों में लिप्त लोग एक बार फिर से सक्रीय होने लगे है। बरसात में जिस तरह से संाप अपने बिल से बाहर निकलने लगते हैं ठीक उसी तरह अवैध कारोबारी भी अपने निजी स्वार्थों को सिद्ध करने की जुगत में लग गए है। कोरबा में वैसे तो कई तरह के अवैध कार्य संपन्न होते है। लेकिन इन अवैध कारोबारों में सबसे बड़ा कारोबार अवैध कबाड़ का है। उर्जाधानी होने के कारण कोयला खदान और पाॅवर प्लांटो से बड़ी मात्रा में कबाड़ की चोरी होती है और उसे ऐसे ही कबाड़ियों के पास खपाया जाता है,जो दो नंबर के काम में लिप्त होते है। ऐसे ही एक कबाड़ी की दास्तां हम आपको सुनाने जा रहे हैं,जो नियमों को ताक पर रखकर रिस्दी से कोरकोमा जाने के मार्ग पर अपनी दुकानदारी चला रहा है। हरे भरे खेत और निस्तारी के रुप में उपयोग होने वाले तालाब के किनारे मदन अग्रवाल नामक व्यक्ति के द्वारा कबाड़ दुकान का संचालन किया जा रहा जिसके कारण आस पास के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य मार्ग के किनारे ही इसके द्वारा काबड़ को फैला कर डंप कर दिया गया है जिससे आम जनता को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बरसात होने के कारण मार्ग कीचड़मय होने के साथ ही और भी संकरा हो गया है जिससे लोगों का आना-जाना काफी दुभर हो गया है। लोग भी चाहते हैं,कि इस कबाड़ दुकान को यहां से हटाया जाए ताकी उन्हें राहत मिल सके।
मदन अग्रवाल का कबाड़ का यह दुकान एक बड़े क्षेत्रफल में फैला है। तमाम नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे इस दुकान के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई भी नहीं हो रही है। शायद जिम्मेदार लोग अपनी अपनी आंख मूंदकर बैठ गए हैं या फिर इन्हें उपर से मलाई मिल रही है। इतना ही नहीं पूछताछ के दौरान जानकारी भी मिली है,कि कुछ तथाकथित पत्रकार चंद रुपयों के कारण अपना ईमान भी बेच रहे है। पुलिस और प्रशासन को ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जरुरत है ताकी लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।