- भ्रमित, भयभीत संबंधित संविधान रक्षक- जनता को कहते आया धत्त।
नव ऊर्जा की पड़ताल –
नव ऊर्जा पर पढ़ें ये संवैधानिक ढाल।
73020/रुपए का दिनांक 09.01.2013 को आर.पी. तिवारी कोसाबाड़ी के नाम पर छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी पोड़ीमार जोन कोरबा के ए.ई. अधिकारी ने सिर्फ 1 ही घर के उपभोक्ता पर विद्युत जांच में संलग्न बिजली बिल जारी है। जिसमें 70300/ की देय राशि उक्त आर पी तिवारी ने विभाग में जमा किया गया है,
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग पर उक्त पेपर स्पष्ट रूप से न्याय निर्धारण करने के लिए संबंधित अधीनस्थ अधिकारियों, जजों, राजनेताओं, मंत्री को चीख- चीखकर उसके संबंधित आरटीआई पत्र पर प्राप्त जानकारी कह रहीं हैं कि सुनंदा देवी केशरवानी की उपस्थिति में 07 जनवरी 2013 को सुनन्दा देवी के घर पर लगा नारायण प्रसाद केशरवानी के नाम का मीटर क्रमांक 1002074900 की जनवरी 2013 से 31 जनवरी 2013 के बीच में दिनांक 07 जनवरी 2013 को औचक जांच किया गया पर भारतीय संविधान को निर्लज्ज करने से पहले बिजली विभाग ने उनके बिजली कनेक्शन को काट दिया गया और उसने पुनः जोड़ दिया।
सरकारी समस्या बन गई जन समस्याएं
नव ऊर्जा को घंटी बजाओ-अधिकार पाओ, आ गया आपके-अपना ऊर्जा,
हक्का -बक्का हुए छत्तीसगढ़ में पुलिस अधिकारी अपनी, आपके संवैधानिक अधिकार पर पब्लिक गर्जा,
जो भारतीय संविधान का अपमान है को संबंधित सरकारी सभी। संवैधानिक रक्षक, कार्यपालक और न्याय निर्धारकों/न्याय पालिका के मूल स्तंभों ने सराहा है।
उस पर कार्रवाई करने के बजाए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कानून को समाप्त करने वाले न्यायिक ताकतों का इस्तेमाल करते हुए मूर्खाधिराज जजों ने सूचना के अधिकार 2005 के तहत विद्युत विभाग के दिए सरकारी जानकारी में स्पष्ट दिखाई दे रही उसे नहीं पढ़े,
विद्युत जांच में उपभोक्ता द्वारा चोरी और या अवैधानिक रूप से कोई कृत्य नहीं है, स्पष्ट रूप से उल्लेखित है।
उसे 10 वर्षों में संवैधानिक अधिकार के निर्धारण अधिकारी से लेकर जिला फोरम कोरबा, राज्य आयोग छत्तीसगढ़, राष्ट्रीय आयोग नई दिल्ली और संबंधित पुलिस अधिकारी छत्तीसगढ़ और विद्युत वितरण कंपनी छत्तीसगढ़ राज्य ने एकसाथ मिलकर 135 करोड़ भारतवासियों को अपमानित करने संबंधित संविधान का चीरहरण किया है। की पीड़ा पूरे छत्तीसगढ़ सहित देशभर के विद्युत उपभोक्ता बिजली चोर के रूप में संदर्भित होकर पीड़ित हैं। जिसके चलते भयभीत सर्वोच्च सदन, प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय छत्तीसगढ़, और न्यायिक व्यवस्था के शीर्षस्थ न्यायालय भारतीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली को भी बिजली चोर के रूप में संदर्भित निर्णय उपभोक्ता मामले के न्यायिक मंच ने व्याख्या में किया है।
जिसके खिलाफ पंजीकृत स्वयं सेवी संस्था पंचशील कौशल सेवा संस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और संपादक पंचशील जनमत समाचार पत्र ने नव ऊर्जा को दिए गए एक साक्षात्कार में उक्त बातें कही हैं।
जो जनहित में भारतीय संविधान की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय है।
छत्तीसगढ़ की पहृली पसंद-पब्लिक अधिकार;
सरकार पर क्यों व किसकी गर्जना ?
कैसे-कैसे को लपेटा ऊर्जा ने कितना,
प्रदेश के पहली निर्भीक, निष्पक्ष समाचार नव ऊर्जा के कलम से,
सरकारी गृह विभाग के आंखें चौंधियाई बिजली विभाग की धूलभरी रोशनी से,
स्थाई समस्या निवारण आम जनता का हक