छत्तीसगढ़ विद्युत मामले में 4 बिंदु के पारित आदेश-
कोरबा (नव ऊर्जा) उपभोक्ता मामले के एक प्रकरण में देश के उपभोक्ता कानून समाप्त होने के कगार पर,
उपभोक्ता का विद्युत लाईन काटकर पुनः जोड़ दिया, 10 वर्षों में कोई संवैधानिक कार्यवाही नहीं हुई,
न तो विद्युत वितरण कंपनी, और न कोई सक्षम न्यायालय, और न ही छत्तीसगढ़ सरकार और न तो देश और छत्तीसगढ़ राज्य के गृह विभाग ने उपभोक्ता पर कोई कार्यवाही करने की हिम्मत हुई।
कारण क्या है ? निचे शिकायत और आदेश पढ़ने से स्पष्ट होता है। कि
- याचिकाकर्ता ने 2014 की उपभोक्ता शिकायत संख्या 02 जिला आयोग के समक्ष दायर शिकायत,
- जिसमें प्रतिवादी के हाथों सेवा में कमी का साक्ष्य प्रमाण सहित आरोप लगाया गया था, हां जो कि प्रमाणित है।
- बिना किसी कारण के उपभोक्ता का (07-01-2013) में विद्युत जांच के बाद 11.01.2013 से 13-01-2013 तक आवश्यक बिजली कनेक्शन काट दिया गया। हां प्रकरण के दौरान और 2 बार काटे गए एवं उपभोक्ता से बिना कोई राशि लिए उसे पुनः जोड़ दिए।
- पक्षकारों को सुनने और मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद, उपभोक्ता फोरम के फैसला, में उपभोक्ता को न्याय देने के बजाय उनके आदेश में परिवाद और अपील को खारिज करने के सिवाय भारतीय संविधान में और कोई भी रास्ता नहीं है जो सुशासन के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कानून को समाप्त करने वाले हैं। क्योंकि
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश के एक अन्य प्रकरण में उपभोक्ता को अनाधिकृत बिजली उपयोगकर्ता माना गया है तो उसे लेकर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने देश के 135 करोड़ विद्युत उपभोक्ता को बिजली चोर या अनाधिकृत उपयोगकर्ता मान लिया गया है।
नारायण प्रसाद केशरवानी बनाम छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के पारित आदेश में सुनन्दा देवी केशरवानी स्वयं सेवी संस्था पंचशील कौशल सेवा संस्थान के प्रथम प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि हमारी केन्द्र सरकार को भी उक्त सारी जानकारी ज्ञापन भेजा गया है फिर भी न तो विद्युत वितरण कंपनी पर कार्रवाई हुई और न ही उपभोक्ता पर इससे सिद्ध होता है कि भारत देश में लागू उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम कानून समाप्त की प्रक्रिया दिख रही है।
- 4- छत्तीसगढ़ राज्य आयोग के समक्ष याचिकाकर्ता द्वारा किए गए अपील को इस राज्य आयोग ने जिला फोरम के पारित आदेश को बरकरार रखा व ठीकरा सुप्रीम कोर्ट के सिर पर फोड़ दिया।
जिला फोरम कोरबा के असंगत पारित आदेश को देखते हुए
शराबी जजों- छबिलाल पटेल अध्यक्ष जिला फोरम कोरबा एवं श्रीमती अंजू गबेल सदस्य का आदेश-
न्यायमूर्ति – आर. एस. शर्मा (अध्यक्ष) एवं सुश्री हिना ठक्कर एवं डी के पोद्दार (सदस्य) छत्तीसगढ़ राज्य आयोग रायपुर,
आर. के. अग्रवाल- अध्यक्ष राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग नई दिल्ली,
- डॉ. एस.एम. कांतिकारी- सदस्य राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (नई दिल्ली)
- राष्ट्रीय आयोग ने ‘2002 की उपभोक्ता शिकायत संख्या 14 कहते हुए खारिज कर दिया, निश्चित तौर पर ये प्रमाणित है राष्ट्रीय आयोग के जज और सदस्य शराबी और बेहोशी में आदेश पारित किया है।
क्योंकि जो प्रकरण का नंबर नहीं जानता उससे भारत देश के 135 करोड़ जनता और क्या आशा रखेंगे,
जिसे शराब पीने के लिए मोटी रकम चाहिए,
जिसे कि एक बेकसूर और ईमानदार व्यक्ति या उपभोक्ता नहीं दे सकता।
- जिसमें याचिकाकर्ता ने प्रतिवादी के हाथों सेवा में कमी का उपभोक्ता न्यायिक मंच द्वारा स्वीकृत आरोप लगाया था, जिसे कि
प्रतिवादी विद्युत कंपनी कोरबा और जिला फोरम कोरबा ने स्वयं आरोप स्वीकार किए एवं प्रमाणित किया है। - क्योंकि बिना किसी कारण के (07-01-2013) से 13-01-2013 तक आवश्यक बिजली कनेक्शन काट दिया गया था। (ऊपर बिंदु 3 पढ़ने पर तथ्य स्पष्ट हो जाता है)। (07-01-2013) के विद्युत जांच का किए गए राष्ट्रीय आयोग द्वारा जारी आदेश में व्याख्या का प्रयोग से ज्ञात होता है, कि इस प्रकरण के पारित आदेश में आदेश कर्ता ने
चरस, ब्राउन शुगर और भी नशे में उपयोगी मंहगी वस्तु जिसे सिर्फ बेईमानी या बिना मेहनत के पैसों से उपयोग किया जाता है, की लत से की गई उन राष्ट्रीय आयोग के जजों का फैसला स्पष्ट दिखाई देता है, - 3- जिला फोरम ने आदेश दिनांक 11-11-2014 को यह कहते हुए कि विवाद विद्युत अधिनियम की धारा 126 और 135 से 140 के तहत आता है जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में एक कानून है।
और शिकायत पर माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा पूर्व में “यू.पी.पावर कॉर्पो.लिमि. और अन्य। बनाम अनीस अहमद, प्प्प् (2013) सीपीजे (एससी) के प्रकरण में उपभोक्ता पर आवश्यक सामग्री के साक्ष्य दस्तावेज के आधार पर न्यायालय ने न्याय निर्धारण किया गया है।
उनके निर्धारित सिद्धांत पर प्रतिपादित – निम्नलिखित आदेश है
- पक्षकारों को सुनने और मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद,
5-1. ‘जिला फोरम को उपभोक्ता के किए शिकायत पर विचार करने का अधिकार नहीं, खारिज कर दिया।
तात्पर्य -: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को समाप्त करने एक आदेश को भारत देश में सभी बिजली कनेक्शन धारक उपभोक्ता पर मढ़ दिया गया है।
5-2. छत्तीसगढ़ राज्य आयोग के समक्ष याचिकाकर्ता द्वारा किए गए अपील को उसने जिला फोरम के निम्नलिखित रूप में देखते हुए पारित आदेश को बरकरार रखा (उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम समाप्त) किया।
5-3. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा अवलोकन करने पर यह पाया गया कि ‘अपीलकर्ता द्वारा अवैध रूप से विद्युत आपूर्ति प्राप्त की गई और इस स्थिति में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के आधार पर यू.पी. पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड और अन्य। बनाम अनीस अहमद प्प्प् (2013) सीपीजे (एससी) के आदेश के तहत जिला आयोग द्वारा दिनांक 07-02-2015 के पारित आदेश में 1, यह पाया गया कि जिला फोरम के पास मामले की सुनवाई का अधिकार क्षेत्र नहीं है और इसलिए) जिला आयोग द्वारा पारित आदेश कानून के अनुसार है। उनके उपरोक्त आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं। व्याख्या में उक्त बातें कहा गया।
उपभोक्ता के एक विद्युत मीटर क्रमांक 1002074900 की जांच एक बार हुआ और उसने तीन बार लाईन काटे और तीनों बार रकम प्राप्त किए बिना जोड़ दिया।
कारण अनगिनत एवं निम्न है।
- तीन अलग-अलग राशि का बिल जारी किया गया।
- तीन अलग-अलग तारीखों में विद्युत जांच करने वाला पेपर बनाए।
- तीन बार राष्ट्रीय आयोग के आदेश नोटिस और जिला फोरम के नोटिस का विद्युत वितरण कंपनी ने अनादर किया।
उपभोक्ता मामले न्यायालय ने अपनी अनैतिकता का ठीकरा सर्वोच्च न्यायालय और उपभोक्ता पर फोड़ा है।
संबंधित भारतीय संविधान को निर्लज्ज होने से बचाने की मेरी पहली है। देश की सरकार और सर्वोच्च न्यायालय एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश की सरकार उपभोक्ता पर या संबंधित अनैतिकता पर जनहित में आवश्यक कार्यवाही करें। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष- पंचशील कौशल सेवा संस्थान, छत्तीसगढ़, विद्युत उपभोक्ता द्वारा नव ऊर्जा प्रेस को दिए साक्षात्कार में उक्त बातें कही है।
🏥 *लहरे आयुष हेल्थ क्लिनिक* 🏥
*पंचकर्म सेंटर*
*Dr. S. Lahare Madam👩⚕️ (Bams)*
*Ayush Physician*
मलेरिया, टाइफाइड, डेंगू, त्वचा रोग, सर्दी-बुखार, कमर एवं हड्डी दर्द, बवासीर, भगंदर, वात रोग, जोड़ों का दर्द, पाचन संबंधित समस्या, शुगर, बीपी, थायराइड, मोटापा, शरीर में सूजन, मूत्र संबंधित समस्या, पोस्ट कोविड समस्या, स्वांस रोग, स्त्री-पुरुष एवं बच्चों से संबंधित समस्या, महिलाओं में सफ़ेद पानी का आना, महीने में दर्द, महीना देरी से आना इत्यादि
*समय सुबह 7 से रात्रि 9 बजे तक*
माह के प्रथम गुरुवार और प्रत्येक पुष्य नक्षत्र को बच्चों कि शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु स्वर्ण प्राशन कराया जाता है।
🏥 *पता 📩➖खंडेलवाल पेट्रोल पम्प के आगे, नूतन टेंट हॉउस के सामने, सराईपाली रोड, सरसींवा*
*Dr. 📲 No ➖7024188808*🏥 पता 📩➖खंडेलवाल पेट्रोल पम्प के आगे, नूतन टेंट हॉउस के सामने, सराईपाली रोड, सरसींवा
Dr. 📲 No ➖7024188808