रोजगार की मांग पर भू विस्थापित किसानों का धरना 95 वें दिन भी जारी..
Korba. कुसमुंडा क्षेत्र में लगातार 95 दिन से भूविस्थापित किसान रोजगार एकता संघ के बेनर तले छत्तीसगढ़ किसान सभा के समर्थन से भूविस्थापित आंदोलनरत है इसी बीच नए सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा का दौरा कुसमुंडा क्षेत्र में हुआ जिसकी जानकारी होते ही बड़ी संख्या में भूविस्थापित इकट्ठा होकर विरोध की तैयारी करने लगे भू विस्थापितों के भारी विरोध को देखते हुए और कई बार खदान बंद की जानकारी मिलने पर सीएमडी मिश्रा ने भूविस्थापितों के प्रतिनिधिमंडल को कुसमुंडा मुख्यालय में समस्याओं पर चर्चा के लिये बुलाया।
सीएमडी से मिलने के लिए 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में प्रशांत झा,दीपक साहू,राधेश्याम कश्यप, दामोदर श्याम,रेशम यादव, मोहनलाल ने सीएमडी से मिलकर भूविस्थापितों भू विस्थापितों की समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपा और भू विस्थापितों के समस्या से अवगत भी कराया।
माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने सीएमडी को भूविस्थापितों की समस्या से अवगत कराते हुए कहा कि भूविस्थापित 95 दिनों से जमीन के बदले रोजगार कि मांग को लेकर आंदोलनरत है और एसईसीएल पुराने लंबित नौकरी के प्रकरणों का निराकरण नहीं कर रही है जिससे भू विस्थापितों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। जिन किसानों ने अपनी जमीन देकर देश दुनिया को रोशन करने का काम किया और कोरबा जिले को ऊर्जाधानी के रूप में पहचान दिलाई आज वही परिवार रोजगार के लिए भटक रहा है। एसईसीएल ने 1978-2004 के बीच किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया और अब भूविस्थापितों को 2012 की पुनर्वास नीति के आधार पर रोजगार देने की बात कर रहा है जो भू विस्थापित किसानों को जमीन अधिग्रहण के बाद धोका देने जैसा है।इस नीति के तहत न किसी का पुनर्वास होगा और न किसी को रोजगार मिलेगा। भूविस्थापितों कि जमीन जिस समय अधिग्रहण किया गया उस समय की पुनर्वास नीति लागू होनी चाहिये।
भूविस्थापित दीपक साहू, राधेश्याम कश्यप, दामोदर श्याम,मोहनलाल, रेशम यादव ने सीएमडी से कहा कि फरवरी में सभी भू विस्थापितों के पुराने लंबित नौकरी के प्रकरणों का निराकरण कर सभी भू विस्थापित जिनकी जमीन एसईसीएल ने अधिग्रहण किया है नौकरी देने की प्रक्रिया पूरी करे नहीं तो भू विस्थापितों के सामने संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है रोजगार नहीं मिलने पर मार्च में खदान को पूर्ण रूप से बंद करेंगे।सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा ने भू विस्थापितों के प्रतिनिधि मंडल की बातें काफी गंभीरता से सुना और जल्द भू विस्थापितों की समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया। भू विस्थापितों के प्रतिनिधि मंडल ने कहा जमीन के बदले नौकरी मिलने तक आंदोलन जारी रखेंगे।उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा क्षेत्र के भू विस्थापित किसान 31अक्टूबर को 12 घंटे कुसमुंडा खदान को पूर्ण रूप से बंद करने के बाद रोजगार की मांग को लेकर एसईसीएल के कुसमुंडा मुख्यालय के सामने 1 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के बेनर तले बरसात और भारी ठंड में भी 95 दिनों से जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर धरने पर बैठे है। 95 दिनों से चल रहे आंदोलन के दौरान भू विस्थापितों ने 3 बार खदान को 25 घंटे से भी ज्यादे समय तक बंद रखा और इस बीच आंदोलन कर रहे 16 लोगों को जेल भी भेजा गया लेकिन भू विस्थापित इस बार रोजगार मिलने तक संघर्ष जारी रखने की बात पर अड़े है।
95वें दिन धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से जवाहर सिंह कंवर, जय कौशिक, राजेश,रघु,पंकज, अशोक, मोहनलाल, प्रभु, लंबोदर, हरि,नरेंद्र, अनिल,बलराम, रविशंकर, विजय, दिननानाथ, पुरषोत्तम, वीरेन्द्र,रामप्रसाद उपस्थित थे।