काेरबा। कोयला मंत्रालय की संयुक्त सचिव विस्मिता तेज ने बुधवार को जिले के कोयला खदानों का दाैरा किया। यहां उन्होंने काेयला खदानाें में उत्पादन व डिस्पैच काे लेकर जानकारी ली। खदान विस्तार की आगे की याेजना व उस पर कार्य प्रगति की जानकारी ली।

कुसमुंडा मेगा प्राजेक्ट के दाैरे पर पहुंची ज्वाइंट सेक्रेटरी विस्मिता तेज के साथ एसईसीएल के निदेशक तकनीक एसके पाॅल, कुसमुंडा सीजीएम आरपी सिंह के अलावा खदान के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। उन्हाेंने खदान के अधिकारियाें काे लक्ष्य अनुसार काेयला उत्पादन के लिए निर्देशित किया है। जिले के अधिकांश काेयला खदानाें के साथ ही एसईसीएल अपने उत्पादन लक्ष्य से पीछे हैं। इसकी चिंता काेल इंडिया प्रबंधन के साथ सरकार काे भी है, क्याेंकि यहां की खदानाें के पीछे रहने से ओवर ऑल काेल इंडिया के टारगेट पूरा करने पर इसका असर पड़ सकता है।

कुछ दिन पहले ही काेल इंडिया के चेयरमैन प्रमाेद अग्रवाल ने जिले की तीनाें काेयला खदानाें काे दाैरा किया था। एसईसीएल के अधिकारियाें की बैठक लेकर उत्पादन की स्थिति से अवगत हुए थे। एसईसीएल चालू वित्तीय वर्ष में अपने अब तक के टारगेट से पीछे है। अप्रैल से अब तक कंपनी ने लगभग 54.78 मिलियन टन उत्पादन टारगेट के मुकाबले 45 मिलियन टन ही काेयला उत्पादन किया है। एसईसीएल काे इस वित्तीय वर्ष 172 मिलियन टन काेयला उत्पादन करना है। उत्पादन टारगेट तक पहुंचने के लिए अभी से दबाव बढ़ने लगा है।

पावर कंपनी के बिजली प्लांटाें में काेयला संकट नहीं टला
राज्य पावर जनरेशन कंपनी के बिजली प्लांटाें में काेयला संकट नहीं टला है। एचटीपीपी काे जरूरत से कम काेयला मिल रहा है। प्लांट में सिर्फ दाे से तीन दिन का करीब 58.34 हजार टन ही काेयला है। वहीं डीएसपीएम प्लांट में तीन दिन का स्टाॅक करीब 20 हजार टन काेयला है। कंंपनी के ही मड़वा प्लांट में 83.70 हजार टन काेयला है। कंपनी के प्लांटाें काे एसईसीएल के खदानाें से काेयला सप्लाई हाेता है। प्लांट प्रबंधन का कहना है कि जरूरत के अनुसार काेयला नहीं मिल रहा।