कोरबा (नव ऊर्जा) में प्रमुखता से प्रकाशित अपहृत भारतीय संविधान की तलाश में जुटा पंचशील कौशल सेवा संस्थान कोरबा, प्रदेश अध्यक्ष।
दुनिया के आठवें अजूबे इस देश में स्थापित कानूनी कार्यवाही के पेचीदगियों को बयान करती पंजीकृत छत्तीसगढ़ शासन से मान्यता प्राप्त स्वयं सेवी संस्था के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने संस्था नियम के अनुसार स्व-सत्यापित बयान जारी करके भारतीय संविधान को खोजने निकल पड़े। आगे यह दिलचस्प होगा कि क्या भारतीय संविधान क्या स्वयं भटक गई है या वास्तव में किसी असामाजिक तत्वों द्वारा अगवा कर लिया गया है निश्चित ही कोरबा , सहित सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द और जनता में कौतुहल का विषय है। इस प्रकरण में केन्द्र सरकार की भी नजर जमीं है। मामला भारतीय संविधान को खोजने और उसे असामाजिक तत्वों के हाथों से बाइज्जत छुड़वाने की कार्यवाही से जुड़ी हुई है। अब यह देखना होगा कि हमारे देश और प्रदेश की सरकार कितनी गोपनीयता और सतर्कतापूर्वक हमारे देश के सर्वोच्च सम्मान को असामाजिक तत्वों से छुड़वाने में सफल हो पाते हैं।
भारतीय संविधान में यही खूबी है कि सत्य कभी समाप्त नहीं हो सकता और हमारी समाज में संवैधानिक अधिकार और संस्कृति कभी मर नहीं सकता। पूरे देश और समाज को भारतीय संविधान पर विश्वास और गर्व है। इसे कभी झुकने नहीं देंगे।
1. अमित कुमार ने उकेरे भारतीय संविधान के 4 नंगी तस्वीर और उस-की तारीखें ; पर यही विडम्बना है कि उन्ही के द्वारा 01.01.2013 से 31.01.13 के बीच विद्युत उपभोक्ता का मीटर जांच का एक आरआरटीआई सूचना दिनांक 11.03.2015 के सूचीपत्र की सत्यता से ही हमारी संविधान का आंशिक रूप में लाज बचा रहा।
2. छोटे लाल पटेल और अंजू गबेल तत्कालीन जिला फोरम अध्यक्ष व सदस्य ने 2013 – 2014 के दौरान किए भारतीय संविधान का अपहरण और आगे भी 2018 के बीच छोटेलाल पटेल ने पुनः किया भारतीय संविधान को कलंकित, जिसकी दुर्गंध से राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग नई दिल्ली भी प्रभावित होता दिखाई दिया।
3. गृह विभाग (छत्तीसगढ़ पुलिस) से 02.12.2014 के कोरबा जिला पुलिस प्रशासन व उनके पत्र बना इस संबंधित संविधान अपहरण का एक चश्मदीद गवाह।
दिनांक 02.12.14 के सूचना पत्र। और 04.02.2013 का नारायण प्रसाद को पुलिस विभाग द्वारा प्रदत्त (धारा 155 द.प्र.सं.) कोर्ट जाने की सलाह का सूचना पत्र संलग्न किया।
4. पंजीकृत छत्तीसगढ़ शासन से मान्यता प्राप्त स्वयं सेवी संस्था के प्रदेश अध्यक्ष ने ऐतिहासिक मामले के 10 वर्षों के शोध/अनूसंधान (रिसर्च) का संलग्न किया संक्षिप्त संकलन अंश।
और जिला फोरम कोरबा के 11.11.2014 में पारित किया 14/02 प्रकरण के आदेश पत्र|
5. उपरोक्त चार बिन्दुओं के संबंध में पंचशील कौशल सेवा संस्थान कोरबा प्रदेश अध्यक्ष ने अपने संस्था नियम के अनुसार स्व-सत्यापित बयान में कहा है कि नारायण प्रसाद केशरवानी बनाम छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी कोरबा के मामले में कोरबा पुलिस अधीक्षक को प्रेषित सूचना पत्र में संवैधानिक अधिकार प्राप्त व्यक्ति नारायण प्रसाद और स्वर्गीय सुनंदा देवी केशरवानी ने अपने संस्था और स्वयं के संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए विगत 10 वर्षों से गहन अध्ययन कर, किए गए अपने शोध पर सरकार और सर्वोच्च सदन को कार्य- वाही शुरू करने के लिए जरूरी अनुसंधान का व्यौरा पूर्व में भी भेजा है। जो छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी, जिला पुलिस प्रशासन और उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के सर्वेक्षण और अब तक उनके न्याय निर्धारण कार्यवाही तथ्यों से विपरीत प्रभाव से युक्त थे। उन पर किए गए शोध का संकलन अंश यहां पुनः पेश है।
संविधान अपहरण का कच्चा चिट्ठा; कोरबा पुलिस प्रशासन बनी मुख दर्शक गवाह ।
इस प्रकरण में नारायण प्रसाद केशरवानी कोरबा छत्तीसगढ़ बनाम छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी कोरब के प्रारंभिक प्रकरण सी सी/14/02 के जिला फोरम कोरबा से लेकर आरपी/1352/2015 और 2022 में समीक्षा आवेदन आरए/108/2022 राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के 02.06.2022 में उनके पारित आदेश पर माननीय सर्वोच्च सदन- लोकसभा और राज्यसभा के साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट को पंचशील कौशल सेवा संस्थान के प्रधान द्वारा किए गए गहन शोध पर विचार करने पश्चात संबंधित संविधान को निर्लज्ज या निर्वस्त्र करने के अप्रत्याशित ज़ुल्म में दोषी को फांसी की सजा होनी चाहिए। संबंधित संविधान सुरक्षा के लिए अत्यंत जरूरी है। इसलिए कि
अपहृत संविधान को खोजने दिनांक 25.05.2023 को डाक्टर भीमराव अम्बेडकर (स्वतंत्र देश के संविधान निर्माता) के प्रतिमा समक्ष दीप प्रज्जवलित कर ओपन थिएटर घंटाघर चौक कोरबा से कलेक्टर परिसर तक केंडल (लाईट) जला कर पैदल मार्च किया, कलेक्ट्रेट में जिला प्रशासन (अपर कलेक्टर) कोरबा- विजेंद्र सिंह पाटले को 20 पेज के ज्ञापन पत्र दिया गया। पुलिस अधीक्षक और नगर निगम कार्यालय समीप स्थित साकेत भवन चौक पर तिरंगा झंडा फहराने- की मांग और संबंधित प्रशासनिक अधिकारी सहित अनुविभागीय दंडाधिकारी (राजस्व) और तहसीलदार कोरबा को भी पत्र की प्रतिलिपि दी गई है।
पंचशील कौशल सेवा संस्थान के द्वारा कोरबा जिले के चौक-चौराहों में चलित जन समस्या निवारण शिविर आयोजित किया जाएगा जिसके लिए निजी वाहन ओमनी वेन, सीजी 12 ए एम 2709 के माध्यम से लोगों को जागरूक करने हेतु उसमें साउण्ड बाक्स लगाकर लोकहित में शिविर लगाने की विशेष जानकारी व भाषण देने एवं संबंधित लेख बांटने और जनमत संग्रह करने की अनुमति की मांग पत्र प्रेषित किया गया है।
संदर्भित पत्र में जिला प्रशासन से निवेदन किया है कि 25.मई से दिनांक 31.05.2023 तक के लिए पंचशील कौशल सेवा संस्थान की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारीकर्ता इस स्वयं सेवी संस्था के प्रदेश अध्यक्ष ने उपरोक्त 5 बिन्दुओं के संबंध में कार्य करने की अनुमति लेकर गुमशुदा संबंधित संविधान को खोजने और उसकी लाज को बचाने हेतु उक्त ज्ञापन सौंपा है। साथ ही जिला प्रशासन कोरबा से भी इस काम में सहयोग करने का आवश्यक मांग किया, बताया है।
प्रदेश अध्यक्ष
पंचशील कौशल सेवा संस्थान, कोरबा (छत्तीसगढ़)