पेट्राेल पंप में अब तक निजी कंपनियाें व फर्म काे समय पर भुगतान न करने के कारण ब्लैक लिस्टेड हाेते सुना गया हाेगा, लेकिन काेरबा के एक पेट्राेल पंप में मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल ही ब्लैक लिस्टेड हाे गई है। इससे 4 सप्ताह से पंप से डीजल सप्लाई बंद है। इससे हाॅस्पिटल में इमरजेंसी के लिए ऑन काॅल ड्यूटी में उपयाेग हाेने वाले एंबुलेंस समेत डीजी सेट का संचालन प्रभावित हाे रहा है। अब अधिकारी जेब से नकद रकम लगाकर एंबुलेंस के लिए डीजल खरीद रहे हैं।

जिला अस्पताल के मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल के रूप में संचालन शुरू हाेने के बाद व्यवस्था बदल रही है, लेकिन इसके साथ ही कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं। इसमें एक विभाग काे शासन से भुगतान नहीं हाेने से पेट्राेल पंप ने ब्लैक लिस्टेड मानकर डीजल की सप्लाई राेक दी है। दरअसल मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल काे 3 माह पहले रिस्दी स्थित श्री बालाजी फ्यूल पाइंट से उधार में डीजल की सप्लाई शुरू हुई थी, जहां शुरुआत के हफ्ते भर में बने 63 हजार के बिल का भुगतान 2 सप्ताह के भीतर कर दिया, लेकिन इसके बाद डेढ़ माह से अधिक समय तक ढाई लाख से अधिक के डीजल का भुगतान अटक गया।

शर्ताें के तहत हाॅस्पिटल की ओर से 1 से 30 तारीख तक लिए डीजल के बिल का भुगतान हफ्ते-दस दिन के भीतर करना था, लेकिन डेढ़ माह से अधिक समय से भुगतान अटका है। अब पेट्राेल पंप संचालक द्वारा भुगतान प्राप्त करने पत्र-बाजी की जा रही है, लेकिन भुगतान नहीं हाे रहा। मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल के डीन डाॅ. वायडी बड़गईया ने जीवनदीप समिति काे आपातकालीन सेवा के लिए 50 हजार रुपए नगद उपलब्ध कराने पत्र लिखा था, लेकिन अनुमति नहीं मिली। ऐसे में अब मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल के अधिकारियाें काे व्यवस्था संभालने खुद की जेब से नकद रकम लगाकर एंबुलेंस में डीजल भरवाना पड़ रहा है। चर्चा है कि ऐसी स्थिति मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल में अधिकारियाें के बीच चल रही खींचतान से बनी है।