नई दिल्ली। LIC का IPO आने वाला है। मोदी सरकार का इरादा जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ या IPO) जनवरी 2022 तक लाने का है। एक अधिकारी के मुताबिक सरकार Lic Disinvestment के प्रबंधन के लिए इस महीने मर्चेंट बैंकरों से बोलियां आमंत्रित करेगी। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने इस साल जनवरी में बीमा कंपनी मिलीमैन एडवाइजर्स एलएलपी इंडिया को आईपीओ से पहले एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य निकालने के लिए नियुक्त किया था। इसे भारत के कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम (IPO) कहा जा रहा है।
मोदी सरकार के अधिकारी ने बताया कि एलआईसी कानून (LIC ACT) में बजट संशोधनों को अधिसूचित कर दिया गया है और मिलीमैन अगले कुछ सप्ताह में एलआईसी (LIC) का अंतर्निहित मूल्य निकाल लेगी। अंतर्निहित मूल्य प्रणाली में बीमा कंपनियों के मौजूदा मूल्य के साथ भविष्य के मुनाफे को भी उसके शुद्ध संपत्ति मूल्य (एनएवी) में जोड़ा जाता है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हम अगले कुछ सप्ताह में मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति के लिए बोलियां आमंत्रित करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इसके लेकर संस्थाग्रत निवेशकों के साथ बातचीत चल रही है।
अधिकारी ने कहा कि हम नवंबर अंत तक नियामकीय मंजूरियां मिलने की उम्मीद है। एलआईसी के निर्गम का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रहेगा। एलआईसी का आईपीओ जनवरी 2022 तक आ सकता है। इसे देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ माना जा रहा है। सरकार बजटीय घाटे को पाटने के लिए एलआईसी में हिस्सेदारी बेचना चाहती है। लेकिन उसे विपक्षी पार्टियों की आलोचना का समान करना पड़ रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 के यूनियन बजट को पेश करते समय एलआईसी के आईपीओ का एलान किया था।
LIC लिस्टिंग के लिए इसका वैल्यूएशन 261 अरब डॉलर हो सकता है। यानी यह देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज Reliance Industries) से भी बड़ी होगी। अभी रिलायंस की मार्केट वैल्यू करीब 199 अरब डॉलर है। एलआईसी की ताजा एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में एलआईसी की कुल अनुमानित संपत्ति करीब 32 लाख करोड़ रुपये यानी 439 अरब डॉलर है। देश के लाइफ इंश्योरेंस बाजार में एलआईसी की हिस्सेदारी करीब 69 फीसदी है। सूत्रों के मुताबिक एलआईसी की लिस्टिंग योजना के बारे में अभी चर्चा चल रही है और इसमें अब भी बदलाव हो सकता है।