मणिपुर। मणिपुर आतंकी हमले की जिम्मेदारी MNPF ने ली है. बता दें कि मणिपुर में सेना के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला हुआ है। असम राइफल्स यूनिट के एक कमांडिंग आफिसर के काफिले पर आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया। काफिले में त्वरित प्रतिक्रिया दल के साथ अधिकारी के परिवार के सदस्य भी शामिल थे। इस हमले में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और बेटे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. वहीं बाद में चार और जवान शहीद हो गए. ऐसे में आतंकियों की इस नापाक साजिश ने 7 लोगों की जिंदगी छीन ली. अभी तक इस हमले की आधिकारिक तौर पर किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन कहा जा रहा है कि मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने इसे अंजाम दिया है. इस आतंकी संगठन का जन्म 1978 में हुआ था और तभी ये कई मौकों पर ऐसे हमले कर चुका है. लेकिन शनिवार को हुए इस हमले को अब तक का सबसे घातक अटैक माना जा रहा है.

जानकारी मिली है कि आतंकियों ने इस हमले को उस समय अंजाम दिया जब 6 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी फॉरवर्ड कैंप से वापस लौट रहे थे. उस समय उनके काफिले में उनका परिवार भी मौजूद था. लेकिन क्योंकि आतंकियों को उनकी मूवमेंट की पूरी जानकारी थी, ऐसे में एक तय रणनीति के तहत सिंघाट में उनके काफिले को निशाना बनाया गया और ये बड़ा हमला हो गया. मौके पर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है लेकिन अभी भी रुक-रुक कर फायरिंग होती दिख रही है. ऐसे में सेना ने पूरे इलाके को घेर रखा है और उन दहशतगर्दों को पकड़ने का प्रयास है. बताया गया है हमले के तुरंत बाद दो संदिग्ध Lallianmang और Thangzamang को हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. ऐसे में अभी के लिए जांच जारी है और इस हमले की पीछे की साजिश समझने का प्रयास है. इस आतंकी हमले की हर तरफ निंदा हो रही है और मुंहतोड़ जवाब देने पर जोर दिया जा रहा है. मणिपुर सीएम बिरेन सिंह ने ट्वीट किया कि 46 असम राइफल्स के काफिले पर कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करता हूं, इसमें सीओ और उनके परिवार समेत कुछ कर्मियों की मौत हो गई. राज्य के बल और अर्धसैनिक बल पहले से ही आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे हैं. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी.