सोनभद्र: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की वापसी हो गई है. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के एक हफ्ते के अंदर ही योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने सोनभद्र जिलाधिकारी (डीएम) टीके शिबू और गाज़ियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को निलंबित कर दिया गया है. उन्हें खनन में भ्रष्टाचार और निर्वाचन प्रक्रिया में लापरवाही के कारण सस्पेंड किया गया है.
उत्तर प्रदेश शासन की ओर से कहा गया है कि सोनभद्र जिलाधिकारी टीके शिबू के विरुद्ध जनपद में खनन और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही थीं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान भी जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में उन्होंने लापरवाही बरती थी. पोस्टल बैलेट पेपर सील नहीं किया गया. इस वजह से सार्वजनिक स्थल पर उसकी तस्वीरें नेशनल मीडिया में वायरल हो गई थीं. जिसके चलते पूरे जिले का मतदान निरस्त करने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. इस मामले को विंध्याचल मंडल मीरजापुर क्षरा जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर दोबारा सील किया गया था. जनसामान्य तथा जनप्रतिनिधियों से भी इनकी दूरी की भी शिकायत मिल रही थी.
डीएम पर लगे आरोपों की जांच के लिए वाराणसी मंडल के कमिश्नर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. जांच पूरी होने तक शिबू राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ से सम्बद्ध रहेंगे. इस दौरान वह बिना किसी लिखित अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ सकते हैं. सीएम योगी द्वारा दिए गए निर्देशानुसार ऐसे अफसरों की लिस्ट बनाई जा रही है, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप है. इसके लिए बकायदा विजिलेंस और सीबीसीआईडी के साथ स्क्रीनिंग कमेटी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. एसआईटी को भी जांच के लिए लगाया गया है. जानकारी के मुताबिक, प्रदेश सरकार में 400-500 अधिकारी और कर्मचारी ऐसे हैं, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार को लेकर नकेल कसी जाएगी. पता लगा है कि उनके काम करने का तरीका ठीक नहीं है. ये लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और फाइलों को लंबित रखते हैं. आने वाले वक्त में ऐसे बड़े कर्मचारी-अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाने वाली है.