कोरबा। कोरबा जिले की अनेक प्रमुख क्षेत्रों की अंधेरी सड़कों और इन सड़कों के किनारे बिना इंडिकेटर जलाए अथवा कोई संकेत दिए बगैर खड़े वाहनों के कारण अक्सर होते हादसों में जिंदगी तमाम हो रही है।

अंधेरी सड़कों को रोशन करने संबंधित विभाग, नगरीय निकाय जहां अपेक्षित और त्वरित तौर पर ध्यान नहीं देता वहीं अनेक क्षेत्रों की उबड़-खाबड़ सड़कें, नवनिर्मित सड़कों पर तेज होती रफ्तार, अंधेरी सड़कों पर बेतरतीब खड़े वाहन, कभी गड्ढों तो कभी ओवरटेक वाहनों की चुँधिया देने वाली हेड लाइट की रोशनी, नशे में वाहनों का परिचालन, यातायात नियमों का उल्लंघन भी हादसों का सबब है। यातायात और परिवहन विभाग की अक्सर होने वाली अनदेखी और महज चौक-चौराहे पर टिकी कुछेक वाहनों की जांच-पड़ताल के बूते सड़क हादसों पर नियंत्रण किसी सूरत में संभव नहीं। गंभीरता से संयुक्त और समन्वित प्रयास करने की जरूरत है, तब जाकर व्यवस्थाओं को सुधारकर होने वाले हादसों को नियंत्रित किया जा सकेगा। भारी वाहन मालिकों को भी चाहिए कि अपने चालकों-हेल्परों को कड़ी हिदायत दें, उन्हें जवाबदार बनाएं। यह भी देखने मे आया है कि कई ट्रांसपोर्टर सिर्फ चालक के भरोसे काम चला रहे हैं, उनके वाहनों में हेल्पर/खलासी तक नहीं रहते जो कि गंभीर बात है।

बता दें कि कुछ इसी तरह का हाल कुसमुण्डा से लेकर सर्वमंगला चौक सहित कोरबा-चाम्पा, कटघोरा-पाली मार्ग में कई जगह का भी है। कहीं फोरलेन सड़क निर्माण के नाम पर स्ट्रीट लाइट के खम्बे हटा दिए गए हैं दूसरी तरफ जहां खंभे लगे हैं और तार भी खिंचे हैं फिर भी अंधेरा कायम रहता है, उसकी सुध नहीं लेते। जनता को ही अपना ख्याल रखना है और सावधानीपूर्वक आवागमन कर सुरक्षित घर लौटना है, क्योंकि सरकारी तंत्र पर भरोसा सरकारी ही रह जाता है।

पल भर में खत्म हो गई जिंदगी

कुसमुण्डा-बांकीमोंगरा मुख्य मार्ग के प्रेमनगर में एनटीपीसी पुल से आगे मोहन हार्डवेयर के पास मंगलवार देर शाम सड़क किनारे ब्रेक डाउन खड़े ट्रक क्रमांक CG 12 AS 2353 में दो बाइक सवार युवक जा घुसे। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पूरी बाइक ट्रक के नीचे जा घुसी और दोनों युवक एक के ऊपर एक होकर पीछे की तरफ लटक गए। दोनों को गम्भीर चोट आयी। घटना की सूचना पर कुसमुण्डा पुलिस मौके पर पँहुची और स्थानीय लोगो की मदद से युवकों को बड़ी मशक्कत कर ट्रक के नीचे से निकाला। घायलों को विकास नगर अस्पताल से कोरबा रिफर किया गया, इस दौरान बिसाहू दास की मौत हो गयी, वहीं जमुना दास की हालत गम्भीर बनी हुई है।

एक महीने से बंद है स्ट्रीट लाइट

स्थानीय लोगों के मुताबिक जहां पर यह हादसा हुआ, उस सड़क की स्ट्रीट लाइट बीते एक माह से बन्द पड़ी है, जिसकी शिकायत लगातार की जाती रही परन्तु किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। लोगों का कहना है कि निगम की लचर व्यवस्था की वजह से स्ट्रीट लाइट बन्द है,जिससे सड़क पर अंधेरा रहता है, और इसी वजह से दुःखद हादसा हुआ। अगर यहां लाइट रहती तो शायद ये हादसा होता ही नहीं या स्वरूप कुछ कम भयावह होता।