रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कहा कि जो लोग नारायणपुर क्षेत्र की प्राकृतिक और सांस्कृतिक सुंदरता के रहस्य को नहीं सुलझा सके, उन्होंने इस क्षेत्र को अबुझमाड़ कह दिया। असल में अबुझमाड़ एक अलौकिक संसार है, जिसकी तुलना इस लोक में कहीं नहीं हो सकती। नारायणपुर में लगभग 128 करोड़ रुपए के नये विकास कार्यों की शुरुआत करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही।

इस कार्यक्रम में 251 जोड़ों का समूहिक विवाह भी हुआ। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि नारायणपुर के साथ विडंबना यह रही कि इसे एक ओर सौंदर्य का वरदान मिला है तो दूसरी यहां के लोग पिछड़ेपन का अभिशाप भी झेल रहे हैं। अबुझमाड़ जैसे जटिल और दुर्गम क्षेत्र का विकास एक चुनौती है, यह चुनौती हमने स्वीकार की है। हमने अबुझमाड़ में विकास के नये दरवाजे खोले हैं। श्री बघेल ने कहा कि नारायणपुर की ओर से अबुझमाड़ की कनेक्टिविटी बढ़ाने के साथ-साथ इसके दूसरे छोर पर दंतेवाड़ा जिले के साथ भी इसे कनेक्ट कर दिया गया है।

इंद्रावती नदी पर छिंदनार पुल बन जाने से अब उस छोर से भी शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सभी बुनियादी सुविधाएं अबुझमाड़ के अंदरुनी गांवों तक पहुंचने लगी हैं। आजादी के इतने सालों बाद भी अबुझमाड़ के गांवों का राजस्व सर्वेक्षण न हो पाना भी वहां के लोगों के विकास में बहुत बड़ी बाधा थी। इस चुनौतीपूर्ण काम को भी पूरा किया जा रहा है। ओरछा विकासखंड के 09 और नारायणपुर विकासखंड के सभी गांवों का आरंभिक सर्वेक्षण पूरा करके किसानों को मसाहती खसरा पुस्तिकाएं वितरित की जा रही हैं। श्री बघेल ने इस कार्यक्रम में भी अबुझमाड़ के 500 किसानों को मसाहती खसरा पुस्तिकाएं बांटीं।