//सफलता की कहानी// नवा छत्तीसगढ़ के 36 माह
कोरबा/ आंगनबाडी केंद्र से मिले समुचित परामर्श एवं पूरक पोषण आहार से जिले के अजगरबहार सेक्टर के ग्राम तिलईडाँड़ निवासी देवेश को कुपोषण से मुक्ति मिली। देवेश के पिता सत्यनारायण और माता कविता कंवर खेती किसानी से अपना जीवन-यापन करते है। 2 अगस्त 2018 को जब देवेश का जन्म हुआ उस समय उनका वजन महज 2.7 ग्राम था। जानकारी मिलने पर तिलई डाँड़ की आंगनबाडी कार्यकर्ता ने देवेश के माता-पिता से मुलाकात की। देवेश की माँ कविता कंवर ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में दूध न मिलने से बच्चा कमजोर हो रहा है। आंगनबाडी कार्यकर्ता ने बच्चे को गाय का दूध हर घंटे चम्मच से पिलाने का परामर्श दिया। बच्चे को स्वस्थ रखने के लिये कंगारू केयर की गर्माहट देने की सलाह भी दी गयी। आंगनबाड़ी केंद्र के परामर्श अनुसार बच्चे का समय समय पर टीकाकरण भी कराया गया। आंगनबाडी कार्यकर्ता द्वारा बच्चे की उचित देखभाल के लिए प्रत्येक सप्ताह गृहभेंट भी किया गया तथा केंद्र की ओर से पूरक पोषण आहार रेडी टू ईट एवं अन्य सहायता भी उपलब्ध करायी गयी।
आंगनबाडी कार्यकर्ता द्वारा बच्चे के कम वजन को देखते हुए गर्म पका भोजन,तरल मिक्स खिचड़ी खिलाने की भी सलाह दी गयी। आंगनबाडी केंद्र से मिली सहयता एवं परामर्श से बच्चे के वजन में निरंतर सुधार हुआ। अगस्त 2021 की स्थिति में देवेश का वजन बढ़कर 12 किलो ग्राम हो गया है। आंगनबाडी केंद्र से मिली सहयता से आज न केवल देवेश को कुपोषण से आजादी मिली है बल्कि उनका पूरा परिवार खुशहाल है। देवेश की मां कविता कंवर ने बताया कि आंगनबाडी केंद्र से मिले सहयता ने हमारे बच्चे को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के साथ जीवन मे एक नया सवेरा लाया है।