रायपुर I इस बार मानसून पहले जारी अनुमानों से थोड़ा लेट होगा। दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल तट के पास पहुंच चुका है। हालांकि यहां तक पहुंचने में वह थोड़ा सुस्त हुआ है और पूर्व अनुमानित तिथि के बाद पहुंचने की संभावना है। अनुमान है कि रविवार देर रात से सोमवार तक मानसून केरल पहुंच जाएगा। अगर सब कुछ सामान्य रहा तो मानसून के प्रभाव से बने बादल 10 जून को किसी समय छत्तीसगढ़ की बस्तर संभाग से लगी सीमा में प्रवेश कर जाएंगे। पहले के अनुमान से यह 3 दिन लेट है।
मौसम विज्ञान विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थिति अनुकूल है। वर्तमान मौसमी संकेत के अनुसार पश्चिमी हवा निम्न स्तर पर दक्षिण अरब सागर के ऊपर प्रबल और गहरी हो रही है। केरल तट और उससे लगे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बादलों का डेरा है। ऐसे में अगले 2 से 3 दिनों में केरल के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रारंभ होने की संभावना है। इसी बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून के अरब सागर के कुछ और भाग तथा लक्षद्वीप के ऊपर सक्रिय होने की संभावना है। मौसम विभाग ने पहले अनुमान लगाया था कि मानसून 27 मई तक केरल तट से टकरा जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब मानसून अपने सामान्य पथ पर ही आगे बढ़ेगा ऐसी संभावना जताई जा रही है।
21 जून तक पूरा छत्तीसगढ़ सराबोर
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया, सामान्य तौर पर छत्तीसगढ़ में मानसूनी बरसात 10 जून से शुरू होती है। शुरुआत बस्तर संभाग से ही होती है। 15 जून तक इसका प्रभाव रायपुर तक पहुंच जाता है। वहीं 21 जून तक अंबिकापुर और उसके आसपास के क्षेत्रों के ऊपर मानसून प्रभावी हो जाता है। इसके सक्रिय होने के साथ प्रदेश में बरसात की झड़ी लग जाती है। अगर मानसून बहुत प्रबल नहीं हुआ तो 10 जून तक ही छत्तीसगढ़ पहुंचेगा।
2021 में 9-10 जून को रायपुर पहुंच गया था
2021 में मानसून 9-10 जून की रात ही रायपुर तक पहुंच गया था। प्रदेश में दो दिनों से बरसात हो रही थी। उस रात 19 स्टेशनों पर भारी बरसात दर्ज की गई। उसके बाद मौसम विभाग ने स्पष्ट किया कि मानसून बस्तर को पार कर रायपुर तक पहुंच गया है। अगले पांच दिनों में प्रदेश का उत्तरी हिस्सा भी मानसून के आगोश में समा चुका था। पिछले साल अधिकतर जिलों में सामान्य बरसात दर्ज किया गया।
कैसे तय होता है कि यह मानसून ही है
मौसम विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया, इसके लिए तीन-चार चीजें जरूरी है। पहला यह कि क्षेत्र के 60% से अधिक मौसम केंद्रों पर दो दिनों से 2.5 मिमी लगातार बरसात दर्ज हुई हो। दूसरा, पश्चिमी हवा की गहराई कम से कम तीन किलोमीटर तक हो। तीसरा, क्षेत्र में लगातार बादल छाए हुए हों और चौथा क्षेत्र की हवा में नमी की मात्रा अधिक ऊंचाई तक बढ़ी हुई हो। ऐसी परिस्थितियों में सामान्य तौर पर मानसून का आगमन घोषित किया जाता है।
अभी से बादलों वाला मौसम बन गया
छत्तीसगढ़ में पिछले तीन-चार दिनों से बादलों वाला मौसम बन रहा है। शनिवार को भी जगदलपुर, अंबिकापुर, पेण्ड्रा रोड और बिलासपुर में बादल छाए हुए हैं। राजधानी रायपुर में बादलों के बीच से धूप खिली है। वहीं दुर्ग और राजनांदगांव में मौसम पूरी तरह साफ है। शनिवार को रायपुर और राजनांदगांव का अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस मापा गया। वहीं दुर्ग में यह 40.8 डिग्री सेल्सियस रहा। सबसे अधिक 42.1 डिग्री सेल्सियस तापमान कुरुद में दर्ज किया गया है। बिलासपुर में 38.8, जगदलपुर में 38.4, पेण्ड्रा रोड में 37.4 और अंबिकापुर में 36.6 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज हुआ है।