अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी संयुक्त अरब अमीरात में हैं। यूएइ के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जा जमाने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था। बयान में कहा गया कि यूएई का विदेश मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग इस बात की पुष्टि कर सकता है कि यूएई ने मानवीय आधार पर राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार का देश में स्वागत किया है।

देश छोड़कर भागने के बाद गनी ने पिछले रविवार को अपनी पहली टिप्पणी में कहा कि काबुल पर तालिबान के जबरन कब्जे की कार्रवाई में अगर अनगिनत देशवासी शहीद होते और शहर को तबाही का सामना करना पड़ता तो साठ लाख की आबादी वाले शहर के लिए यह एक बड़ी मानव आपदा होती। गनी ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट में अपनी बात रखते हुए कहा कि खून की नदियां बहतीं इससे बेहतर मैंने देश से बाहर जाना बेहतर समझा। गनी ने कहा कि तालिबान विद्रोहियों को अब यह तय करना है कि अफगानिस्तान के नाम और सम्मान की रक्षा करनी है या और अन्य स्थानों और नेटवर्क को प्राथमिकता देनी है। उन्होंने कहा देशवासियों का दिल जीतने के लिए तालिबान के लिए यह जरूरी है कि वह अफगानिस्तान के सभी लोगों, राष्ट्रों, विभिन्न क्षेत्रों, बहन-बेटियों और महिलाओं को सुरक्षा क प्रति आश्वस्त करे।

काबुल स्थित रूसी दूतावास का कहना है कि अफगानिस्तान से भागते हुए अशरफ गनी एक हेलीकाप्टर और चार कारों में अकूत पैसा भरकर ले गए हैं। कुछ पैसा सड़क पर भी बिखरा मिला है। यह जानकारी रूस की आरआइए एजेंसी ने दी है। काबुल में रूसी दूतावास के प्रवक्ता निकिता इश्चेंको ने आरआइए न्यूज एजेंसी को बताया कि गनी के साथ गए काफिले में चार कारों में कैश भरा हुआ था। इसके अलावा हेलीकाप्टर में भी कैश था। वह और अधिक धन ले जाना चाहते थे। लेकिन जगह न होने के कारण छोड़ना पड़ा। जल्दबाजी में कुछ कैश तो सड़क पर ही बिखर गया।