नई दिल्ली
फ्रांस में जब से राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार की जांच होने की बात सामने आई है, तब से ही भारत का सियासी पारा चढ़ गया है। राफेल डील की जांच को लेकर फ्रांस सरकार की ओर से जज की नियुक्ति के बाद कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रही है। राफेल डील की जेपीसी जांच कराने की मांग के बाद एक बार फिर से कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा है और कहा है कि केंद्र सरकार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सिर्फ एक नारा बनकर रह गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि दाढ़ी में एक नहीं, कई तिनके हैं।

भारतीय वायु सेना के लिए राफेल जेट खरीदने के लिए फ्रांसीसी निर्माता डसॉल्ट एविएशन के साथ सौदे पर केंद्र सरकार की सबसे कड़ी आलोचना करने वाली कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आजादी के बाद से सभी केंद्र सरकारों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को एक गंभीर मुद्दा माना है और इसका राजनीतिकरण करने से परहेज किया है। मोदी सरकार ने भी कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है और कोई समझौता नहीं होना चाहिए। मगर जब बात अपने उद्योगपति मित्रों की जेब भरने की आती है, तो पिछले सात वर्षों से उनकी प्राथमिकता क्रोनी कैपिटलिज्म रही है। जब उनकी (उद्योगपतियों की) जेब भरने की बात आती है, तो राष्ट्रीय सुरक्षा उनके (केंद्र) के लिए नारा बनकर रह जाता है।

पवन खेड़ा ने आगे कहा कि फ्रांस में भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और पक्षपात के संबंध में राफेल सौदे की जांच शुरू किए 24 घंटे हो गए हैं, पूरा देश दिल्ली की ओर देख रहा है कि आखिर भारत सरकार अभी भी चुप क्यों है। मगर अब तक इस पर केंद्र की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। राफेल क्या था? यह एक अंतर-सरकारी सौदा था। फ्रांस ने एक जांच शुरू की है। दूसरी तरफ, जांच के बारे में भूल जाओ, भारत सरकार ने एक भी टिप्पणी नहीं दी है। और यह वही सरकार है जो सिर्फ बात करने के लिए जानी जाती है। अब तक प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और कैबिनेट के अन्य सदस्य चुप हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस चुप्पी की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। उन्होंने कहा कि जिसको पैसे मिले, जिसे लाभ हुआ वह जांच कर रहा है और जो पैसे दे रहा है उसके यहां जांच पर चुप्पी है। इस सरकार की चुप्पी से बड़ा कोई सबूत नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यह बहुत शर्मनाक बात है कि चुनाव के अलावा यह सरकार कोई बात नहीं करती।