नईदिल्ली I मनी लॉन्ड्रिंग में फंसे दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन के मामले में जांच जारी है। अब खबर है कि CBI और ED ने जैन पर दो बेटियों समेत परिवार के सदस्यों के जरिए जांच एजेंसियों को गुमराह करने के आरोप लगाए हैं। सोमवार को ही मंत्री के आवास पर छापामार कार्रवाई हुई थी। आरोप है कि उन्होंने 16 करोड़ रुपये से ज्यादा की लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया है।
जैन की पत्नी और दो बेटियों ने सत्येंद्र जैन से जुड़ी कंपनियों के कारोबार की आड़ में करोड़ों रुपये हासिल किए थे। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की चार कंपनियों में जैन, उनके परिवार और दोस्तों के शेयर थे और साथ ही उनका इन कंपनियों पर नियंत्रण भी रहा।
दिल्ली सरकार का हिस्सा बनने से पहले जैन चार में तीन कंपनियों के निदेशक भी थे। हालांकि, इसके बाद भी चारों कंपनियों में उनके परिवार के शेयर रहे। जांच रिपोर्ट के अनुसार, ‘इन कंपनियों ने 2011 से 2016 के बीच 16.4 करोड़ रुपये का धन शोधन किया। इनमें जैन के जन सेवक रहने के दौरान 2015-2016 के 4.61करोड़ रुपये शामिल हैं। यह राशि सत्येंद्र कुमार जैन, उनके परिवार के सदस्य और उनके कारोबार सहयोगियों अजीत प्रसाद जैन और सुनील कुमार जैन के परिवारों की है।’
एजेंसी ने आरोप लगाए हैं कि दिसंबर 2013 में दिल्ली चुनाव में शामिल होने से पहले निदेशक पद से इस्तीफा देने के बाद भी जैन आरोपी कंपनियों में सक्रिय रहे।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘प्रयास इन्फोसॉल्युशन्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक के तौर पर पत्नी के जरिए उनका कंपनियों पर नियंत्रण था।’ रिपोर्ट के मुताबिक, साथ ही कंपनियों में पत्नी, परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और दोस्तों के नाम पर एक तिहाई उनकी शेयर होल्डिंग थी। रिपोर्ट में बताया गया है, ‘इसी तरह अजीत प्रसाद जैन और सुनील कुमार जैन की भी कंपनियों में एक तिहाई हिस्सेदारी थी। सत्येंद्र जैन और उनके सहयोगियों ने कोलकाता के एंट्री ऑपरेटर्स को नगद राशि दी थी।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन कंपनियों में सत्येंद्र जैन डायरेक्टर थे, उनमें शेयर्स में निवेश के जरिए एंट्री ऑपरेटर्स ने पैसा वापिस कर दिया था।
मार्च 2016 में जैन की पत्नी पूनम की तरफ से कोलकाता की शैल कंपनी को मंगलायतन प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के 1.5 लाख शेयर 15 लाख रुपये में बेचे गए। जांच एजेंसी के अनुसार, इसके जरिए जैन और कोलकाता की शैल कंपनी के बीच तार जुड़े।
वेबसाइट की खबर के अनुसार, अन्य कंपनियों के मामले में जांच रिपोर्ट में आरोप लगाए गए हैं कि जैन ने पत्नी पूनम जैन, बेटियों सौम्या और श्रेया के जरिए कंपनियों पर नियंत्रण किया और मनी लॉन्ड्रिंग की। जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाए हैं कि आप नेता के सहयोगी अजीत प्रसाद जैन और सुनील कुमार जैन कथित तौर पर मंत्री के नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग करते हैं। दोनों सहयोगियों के बेटों ने भी एजेंसियों के सामने बयान दर्ज करा दिए हैं।