कोरबा- प्रदेश कांग्रेस के निर्देश पर जिला कांग्रेस कोरबा ने कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ गलत नीतियों के कारण देश में पेट्रोलियम पदार्थ जैसे पेट्रोल, डीजल, गैस सिलेंडर सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में हो रही बेतहाशा मूल्य वृद्धि के विरोध में स्थानीय स्तर पर टी.पी. नगर स्थित पेट्रोल पम्प के समक्ष प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया गया। महापौर राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के कारण पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, खाद्य तेल, खाद्य पदार्थ, खेती उर्वरकों के दाम रोज बढ़ रहे है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले डेढ़ साल से लोग कोरोना महामारी की मार झेल रहे है ऐसे में मजदूर निम्न वर्ग, मध्य वर्ग के परिवार सबसे ज्यादा परेशान है। छत्तीसगढ़ में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार कई योजनाओं के तहत लोगों को सहायता पहुंचाने का कार्य कर रही है लेकिन केन्द्र सरकार लोगों के जेबों पर डाका डालने में लगी हुई है।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष सपना चौहान ने बताया कि जब क्रुड आयल की कीमतों में 36 प्रतिशत की कमी आयी है, उसके बावजूद पेट्रोल में 31 प्रतिशत और डीजल में 55 प्रतिशत बढ़ोतरी समझ से परे है जबकि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 103 डॉलर प्रति बैरल थी तब भी मनमोहन सिंह जी ने पेट्रोल 72 रूपये और डीजल 55 रूपये से अधिक बढ़ने नही दिया और आज जब कच्चे तेलों के किमतों में 36 प्रतिशत की कमी के बावजूद पेट्रोल व डीजल 93 रूपये प्रति लीटर कर दिया गया। सभापति श्यामसुंदर सोनी ने बताया कि पिछले 7 वर्षो में घरेलू रसोई गैस के दाम दो गुनी हो गई है। 1 मार्च 2014 को एलपीजी गैस के दाम 410 रूपये प्रति सिलेंडर थी और आज 880 रूपये सिलेंडर मिल रहे है। इसी वर्ष मात्र 5 महिनों के अंतराल में घरेलू गैस सिलेण्डर की कीमतों में 225 रूपयें की बढ़ोतरी की गई है। प्रदेश कांग्रेस सचिव सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने कोरोना महामारी के बाद मंहगाई को राष्ट्रीय आपदा बताते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी करने से परिवहन मंहगा होगा और परिवहन मंहगा होगा तो हर प्रकार के सामाग्री के दाम बढ़ेगें। इसका एक ही मतलब निकल कर सामने आता है कि केन्द्र की मोदी सरकार ने भारत की जनता को कोरोना के मार से उबरने से पहले ही मंहगाई की चपेट में लाने की सारे इंतजाम कर दिये है। पूर्व सभापति संतोष राठौर ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के नेता अनावश्यक बयान बाजी कर जनता का ध्यान भटकाने में लगे है। अपनी नाकामयाबी को छिपाने के लिए, आवश्यक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए अनावश्यक बयानबाजी करनें लगते है। उन्होने आगे बताया कि केरोसिन (मिट्टी तेल) को गरीबों का ईधन माना गया है घर में रसोई से लेकर रोशनी तक के लिए मिट्टी तेल का उपयोग किया जाता है जो मिट्टी तेल 2014 में चुनाव के पूर्व 10 रूपये प्रतिलीटर थी आज 30 रूपये हो गई है।

महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुसुम द्विवेदी ने कहा कि 2014 के पूर्व सत्ता प्राप्त करने के लिए भाजपा के शीर्ष पक्ति के नेताओं नें महंगाई को मुद्दा बनाकर देश भर में प्रदर्शन आंदोलन करवाया। बहुत हुई मंहगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार के नारे लगवाये। इस नारे को इतना ज्यादा प्रचारित करवाया गया कि देश भर के आम नागरिकों ने सही माना और सत्ता उन्हें सौंप दी लेकिन आज वही जनता “बहुत हुई मंहगाई की मार, बस करो मोदी सरकार“ के नारे लगा रहे है। ये पीड़ित किसान, मजदूर, मध्य, निम्न वर्ग के लोग 2024 में मोदी सरकार के वायदों का जवाब देने तैयार है। बी.एन.सिंह, एस. मुर्ति, बच्चु लाल मखवानी, सुकसागर निर्मलकर, गजानंद प्रसाद साहू, मो. शाहिद, दिनेश सोनी, नाजीर खान, संजय बरेठ, फुलदास महंत, दिलसाद अलि, रामकुमार वर्मा, राजेश यादव, ईशाक खान, महेन्द्र निर्मलकर, राजेश मानिकपुरी, संजय कंवर, हरिशंकर कंवर, देवासराम साहू, गोपाल साहू, मो. रियाज, शैनावाज आलम, आर.के. सिंह ने भी देश में बढ़ती मंहगाई का विरोध करते हुए कहा कि एक तरफ मंहगाई बढ़ रही है और दुसरी तरफ केन्द्र सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन, गलत नीतियों के कारण रोजगार खत्म हो रहे है। नोट बंदी, जीएसटी से व्यापार व्यवसाय तबाह हो गये थे उपर से कोरोना महामारी ने व्यापारियों सहित मजदूर व मध्य वर्ग के लोगों की कमर ही तोड़ कर रख दिया हैं।