अंतिम तिथि पर उमड़ी भीड़, सोशल डिस्टेंस की उड़ी धज्जियां

कोरबा (पाली):- मुनाफे के जाल में फंस कर  ग्रामीणों ने फर्जी चिटफंड कंपनियों में अपने पैसे निवेश कर दिए और फिर इन पैसों के डूब जाने के बाद अब यही लोग सरकार की ओर आस लगाकर देख रहे हैं। राज्य शासन ने चिटफंड कंपनियों की संपत्ति नीलाम कर निवेशकों को राशि लौटाने का आश्वासन दिया है।, जिसके बाद लगातार इसके हितग्राही आज तहसील कार्यालय पाली पहुंचकर अपना आवेदन जमा करा रहे हैं। 2 तारीख से जारी इस कवायद में शुक्रवार यानी आज आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि पर बड़ी संख्या में लोग तहसील कार्यालय पाली पहुंचे हैं |आवेदन जमा करने की होड़ में यहां कोरोना गाइडलाइन और सोशल डिस्टेंस की खुले आम धज्जियां उड़ रही है।
निवेशक यहां निर्धारित प्रपत्र में आवेदन 6 अगस्त तक जमा कर सकते हैं इसलिए अंतिम दिन होने की वजह से यहां बड़ी संख्या में आवेदन कर्ता पहुंचे हैं। अपनी डूबी हुई रकम वापसी की उम्मीद लेकर निवेशक और एजेंट अपने सभी दस्तावेजों और बांड के साथ तहसील पाली में आवेदन जमा करा रहे हैं, इनमें अधिकांश लोग ग्रामीण क्षेत्रों के हैं, जिन्होंने बाजार दर से अधिक मुनाफे की उम्मीद में चिटफंड कंपनियों में अपनी जीवन भर की पूंजी निवेश की है, लेकिन अब इसी निवेश की गई राशि की वापसी के लिए वे कोरोना जैसे संकट को भी आमंत्रित कर रहे हैं।विश्वसनीय सूत्रों से बात करने पर पता चला कि इनमें से किसी का 10 लाख, किसी का 5 लाख तो किसी के ₹50 हज़ार डूब चुके हैं। शुरुआत में जो कंपनी बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाती थी उनके अधिकारी रकम जमा कराने के बाद गायब हो गए। इधर इतनी बड़ी संख्या में हितग्राहियों के पहुंचने से यहां तहसील पाली में भी अव्यवस्था का आलम देखा जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरबा के मुख्यालय में ही सोशल डिस्टेंस की जमकर धज्जियां उड़ रही है।