चीन, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और जर्मनी में कोरोना वायरस के सर्वाधिक मरीज मिल रहे हैं। कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के पीछे ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट को वजह माना जा रहा है। ब्राजील में एक बार फिर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दुनिया में कोरोना महामारी के मामलों में वृद्धि चौथी लहर का संकेत माना जा रहा है। इसके अलावा कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर भी खबरें आ रही हैं। चीन में कोरोना महामारी को रोकने के लिए लाकडाउन का उपबंध किया गया है। चीन में तीन करोड़ से ज्यादा लोग लाकडाउन में रहने को विवश है। चीन और ब्राजील में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए भारत में लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है। ऐसे में एक्सपर्ट के जरिए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर कोरोना के ये बढ़ते केस किस ओर इशारा कर रहे हैं। आपको आने वाले वक्त में किस तरह से ध्यान रखने की जरूरत है।
कोरोना का नया सब-वेरिएंट स्टील्थ ओमीक्रोन सामने आया है। इसे BA-2 के नाम से भी जाना जाता है। ओमीक्रोन के सब वैरिएंट BA-2 की वजह से यूरोप में कोरोना के मामलों में भारी बृद्धि हुई है। भारत में फिलहाल कोरोना के मामलों में भारी गिरवाट देखी जा रही है, लेकिन विशेषज्ञ पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि देश में कोरोना की चौथी लहर आ सकती है। एशिया और यूरोप के कुछ हिस्सों में कोरोना के मामलों में वृद्धि को देखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह राज्यों को कोरोना की चौथी लहर को रोकने के लिए एहतियाती उपाय करने के लिए सचेत किया था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या देश में कोरोना की चौथी लहर आने के संकेत मिल चुके है।
डा. पीएन अरोड़ा का कहना है कि हम कोरोना की कुछ लहरों से गुजर चुके हैं। यह वैज्ञानिकों का विषय है जो यह पता लगाते हैं कि चौथी लहर आ सकती है या नहीं। यह पूरी तरह से अनुमानित होता है। वैज्ञानिक एक मैथड के जरिए एक माडल तैयार करते हैं, जिससे यह अनुमान लगाया जाता है कि कोरोना का प्रसार किस देश में हो रहा है और इसका अगला निशाना कौन सा देश हो सकता है। यह इस थ्योरी पर काम करता है कि यह पहले कैसे हुआ था और सौ साल पहले ऐसा ही एपिडेमिक हुआ था तो उस समय कैसे हुआ था। उन्होंने कहा कि यह अभी अनुमान है कि हो सकता जून में हमारे यहां चौथी लहर आए। उन्होंने कहा कि यह प्रिडिक्शन आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने किया था। यह सरकार का दावा नहीं है।