पेंड्रा। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 32 विभागों के अधिकारी-कर्मचारी ने 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता की मांग को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल पर बैठ गए हैं. ज्यादातर दफ्तरों के कामकाज ठप पड़े हैं. कर्मचारी केंद्र की तरह महंगाई भत्ता मांग रहे हैं. प्रदर्शन 13 अप्रैल तक चलेगा. अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था भी चरमरा गई है, क्योंकि स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के सभी कर्मचारी हड़ताल में शामिल हो गए हैं.
वहीं कर्मचारी नेताओं ने कहा कि बार-बार सरकार को ज्ञापन देने के बावजूद भी जब सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुसार ग्रह भत्ता की घोषणा नहीं की तब मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा. भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बने लगभग 40 महीने हो गए हैं जिसमें से 28 महीने से महंगाई भत्ता के लिए कर्मचारी परेशान हैं. इस दौरान केंद्र सरकार के द्वारा 7 बार महंगाई भत्ता बढ़ाया गया जिसमें से सिर्फ दो किस्त बघेल सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया. जबकि बाकी 5 किस्तों को रोक दिया गया है. जिसके कारण केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 17% का अंतर आने से प्रत्येक कर्मचारी एवं अधिकारी को 1 लाख से लेकर 4 लाख तक का नुकसान हो चुका है यह नुकसान महीने दर महीने बढ़ता जा रहा है.