नईदिल्ली I भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमा पर सर्विलांस के लिए बीएसएफ द्वारा ‘मेक इन इंडिया’ तकनीक इस्तेमाल की जा रही है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, जहां से भारतीय सीमा में लगातार ड्रोन आ रहे हैं, अब बीएसएफ उन्हें जाम कर देगी। सीमा सुरक्षा बल ने घने जंगल में घुसपैठियों के मोबाइल फोन एवं दूसरे तकनीकी उपकरणों को ट्रैक करने का सिस्टम भी ईजाद कर लिया है। साथ ही पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास घुसपैठ के मकसद से खोदी जाने वाली सुरंगों का भी अब तुरंत पता चल जाएगा। इतना ही नहीं, ड्रोन से डाटा निकालना और उसकी मरम्मत, इस काम के लिए बीएसएफ ने खुद की लैब स्थापित कर ली है। साथ ही अनेक तकनीशियन भी तैयार कर लिए गए हैं।
‘भूमि’ के तहत ईजाद हो रहे सर्विलांस उपकरण
एंटी ड्रोन तकनीक, टनल का पता लगाना और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का सर्विलांस, ये सब प्रोजेक्ट, बीएसएफ ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ मिलकर तैयार किए हैं। इसे ‘बीएसएफ हाईटेक अंडरटेकिंग फॉर मैक्सिमाइजिंग इनोवेशन’ (भूमि) का नाम दिया गया है। टनल निरीक्षण ड्रोन और एंटी ड्रोन सिस्टम का ट्रायल हो चुका है। खास बात ये है कि उक्त सभी उपकरण, स्वदेशी तकनीक की मदद से तैयार किए जा रहे हैं। इस पहल की शुरुआत गत वर्ष हुई थी।
अब बिना नेटवर्क भी संपर्क कर सकेगी बीएसएफ
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने गत सप्ताह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को ड्रोन विरोधी तकनीक प्रारूप का हस्तांतरण किया है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रेरित बीएसएफ हैकाथॉन (भूमि) एवं अग्नि मिशन पर पूर्ण लगन के साथ काम कर रहा है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और अन्य प्रमुख सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर बीएसएफ एंटी ड्रोन एवं एंटी टनल तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इन उपकरणों की मदद से बीएसएफ, अब उन स्थानों पर संपर्क-संवाद कर सकेगी, जहां पर कोई नेटवर्क नहीं होता। बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव, सीमा सुरक्षा बल के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए भूमि चैलेंज के तहत स्टार्ट अप को सम्मानित कर चुके हैं।
इन संस्थानों को दी गई आर्थिक मदद…
- मौजूदा समय में बीएसएफ ने चार मुख्य समस्याओं का समाधान खोज लिया है। इनमें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल फोन का पता लगाना, सुरंग एवं भूमिगत गतिविधियां, दूरदराज क्षेत्रों में वैकल्पिक संचार प्रणाली और ड्रोन विरोधी तकनीक, शामिल हैं। सीमा सुरक्षा बल ने भारतीय स्टार्ट अप और प्रमुख संस्थानों के साथ हैकथॉन का आयोजन किया था। एमईआईटीवाई स्टार्टअप हब (एमएसएच) पोर्टल पर कुल 47 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से आठ स्टार्टअप को फील्ड ट्रायल और बीएसएफ के सामने आने वाली समस्याओं के लिए नए तरीके के समाधान प्रदान करने के लिए चुना गया था। विहान नेटवर्क्स लिमिटेड, जियो रडार.एआई, एएवीआरटीटीआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, डीएसआरएल, ऑप्टिमसलॉजिक सिस्टम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गुरूत्वा सिस्टमस प्राइवेट लिमिटेड और बिग बैंग बूम सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को रसद सहायता और उत्पाद विकास के अगले चरण में आगे बढ़ने के लिए सक्षम बनाने के लिए एक तय राशि प्रदान की गई थी।