नईदिल्ली I ज्ञानवापी मामले में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग से जुड़ा आवेदन शुक्रवार को स्पेशल सीजेएम की अदालत में दिया गया। अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति सिंह के इस आवेदन पर अदालत शनिवार को सुनवाई करेगी।
ज्ञानवापी सर्वे के दौरान वजूस्थल में बरामद शिवलिंग जैसी आकृति के मामले में एक और वाद विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में दाखिल किया गया।
इसमें संयुक्त सचिव अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन, प्रबंध समिति समेत एक हजार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गई। कोर्ट में इसकी पोषणीयता (सुनने योग्य है या नहीं) पर सुनवाई शनिवार को होगी।
यह वाद सीआरपीसी 156-3 के तहत अधिवक्ता सिद्धार्थ श्रीवास्तव व ज्ञान प्रकाश सिंह ने वादी अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति सिंह की तरफ से दायर किया गया है। वाद में कहा गया कि शिवलिंग होने की जानकारी के बाद हाथ पैर धोने व वजू करने से हिंदू लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है। इस मामले में पुलिस के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया, फिर भी कार्रवाई नहीं हुई।
वीडियो लीक प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग
विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने सरकार से ज्ञानवापी सर्वे के वीडियो-फोटो लीक होने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। इससे जुड़ा पत्र केंद्र व राज्य सरकार को भेजा है। उन्होंने प्रदेश और केंद्र सरकार को सात पेज का शिकायती पत्र भेजा है।
कहा है कि यह बात सामने आना जरूरी है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव को खतरे में डालने का प्रयास करने वाले राष्ट्र विरोधी लोग कौन हैं। गंभीर साजिश के तहत ज्ञानवापी परिसर के सर्वे से संबंधित वीडियो और फोटो को लीक किया गया। इसलिए सर्वे से जुड़े एक-एक व्यक्ति की जांच हो कि आखिरकार वीडियो और फोटो कैसे लीक हुआ। उन्होंने कहा कि वे जांच में सरकार का पूरा सहयोग करेंगे और उनको भी जांच के दायरे में लाया जाए।