भूविस्थापित किसान कल्याणसमिति ने आज कुसमुंडा में धरना पर बैठे भूविस्थापितो को गिरफ्तार करने की कड़ी निंदा करते हुये इसे अलोकतांत्रिक बताया हैं। संगठन ने  गिरफ्तार किये गये सभी आंदोलनकारियों को रिहा करने की मांग की है।

आज जारी एक बयान में संगठन के अध्यक्ष  सपूरन कुलदीप ने कहा कि अपनी ही अर्जित जमीन के बदले रोजगार लिए शांतिपूर्ण तरीके से धरना पर बैठे भूविस्थापितो का गिरफ्तारियां प्रशासन की तानाशाही रूख और राजनैतिक प्रशासनिक सांठगांठ को ही प्रदर्शित करता हैं उन्होने कहा कि लंबे समय से अपनी  रोजगार की मांग पर धरने पर बैठे भूविस्थापितो के धरना स्थल पर लगे पंडाल को भी पुलिस ने उखाड़ फेंका है इस प्रकार के कृत्य से पुलिस प्रशासन की छबि धूमिल हुई है और प्रशासन निष्पक्ष होने के बजाय पूरी तरह से प्रबंधन के गोंद में बैठी हुई हैं।
श्री कुलदीप ने राज्य सरकार की भी तीखी आलोचना करते हुए बताया कि प्रदेश की भूपेश सरकार पूरे प्रदेश में जनता के आवाज को पुलिस के बल पर कुचल देना चाहती हैं। बस्तर में आदिवासियों पर गोली चलाना और कोरबा में भूविस्थापितो के शांतिपूर्ण आंदोलन पर इस तरह  पुलिस का हस्तक्षेप इस बात का सबूत हैं कि कांग्रेस सरकार भी जनता की समस्याओं को शांतिपूर्वक  सुलझाने के बदले पुलिस की दमन पर जनता की आवाज को दबाना चाहती  है । और जिले में भुविस्थापितों की बढ़ती  आक्रोश और जनांदोलन को कुचल देना चाहती है ।

कुलदीप ने कहा कि राज्य सरकार की प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन की इस अलोकतांत्रिक कदम के खिलाफ संगठन की ओर से सप्ताहव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जायेगा।

विरोध में आज ऊर्जाधानी संगठन ने पुलिसिया कार्यवाही का पुतला दहन भी किया सपूरन कुलदीप गजेंद्र सिंह ठाकुर  ललित महिलांगे राहुल जायसवाल प्रकाश कोर्राम अनसुईया राठौर रामकुमार केवट मनोज यादव सोनू पटेल अमर दास विजय बरेठओमप्रकाश कंवर विनय जयसवाल सूरज राठौर पुनीराम सतीश चंद्रा सन्तोष चौहान भुजबल बिंझवार आदि शामिल थे ।