नईदिल्ली I मुस्लिम समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने ठाणे पुलिस में भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। इस शिकायत में मांग की गई है कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए नुपुर के खिलाफ मामला दर्ज हो। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अखिल भारतीय प्रगतिशील मुस्लिम कल्याण समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को नुपुर शर्मा के खिलाफ मुंबई से सटे महाराष्ट्र के ठाणे जिले के अंबरनाथ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

पहले जांच होगी फिर प्राथमिकी दर्ज: मुंबई पुलिस
अधिकारी ने बताया कि अब तक पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की है और शिकायत की जांच कर रही है जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। हालांकि, शर्मा को ठाणे में मुंब्रा पुलिस ने 22 जून को जांच अधिकारी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराने के लिए पहले ही तलब किया है। मुंबई में पाइधोनी पुलिस ने भी 28 मई को उसके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

रविवार को नुपुर शर्मा को निलंबित किया गया था
भाजपा ने रविवार को नुपुर शर्मा को निलंबित कर दिया था और दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया था, क्योंकि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कुछ मुस्लिम देशों के विरोध के बाद विवाद बढ़ गया था।

अरब देशों में विरोध
कुछ धार्मिक समूहों के विरोध प्रदर्शनों और कुवैत, कतर और ईरान जैसे देशों की तीखी प्रतिक्रिया के बीच, भाजपा ने एक बयान जारी कर इस मामले पर स्पष्टिकरण दिया था। पार्टी ने जोर देकर कहा था कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है। दिल्ली पुलिस ने अधिकारी ने बताया कि नुपुर शर्मा ने लगातार मिल रही धमकियों के बारे में शिकायत की थी। इसके बाद उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई है।

क्या है मामला
दरअसल करीब 10 दिनों पहले एक टीवी डिबेट के दौरान नुपुर शर्मा द्वारा दिए गए विवादित बयान और जिंदल द्वारा डिलीट की गईं ट्वीट्स के बाद ट्विटर पर विवाद बढ़ गया था। विरोध कर रहे देशों में भारतीय उत्पाद का बहिष्कार करने की बात होने लगी थी। पार्टी द्वारा एक्शन लिए जाने के बाद नुपुर ने अपना विवादित बयान वापस लिया था। उन्होंने दावा किया था कि भगवान शिव के लगातार मजाक उड़ाए जाने और उनका अपमान होता देख उन्होंने ऐसी प्रतिक्रिया दे डाली थी। नुपुर ने स्पष्ट कहा था कि अगर उनके बयान से किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हों तो वह क्षमा मांगती हैं।