नई दिल्ली/ कई लोग अपनी उदारता को लेकर समाज के लिए बड़ी मिसाल बन जाते हैं। ऐसा ही कुछ आंध्रप्रदेश के एक गांव में देखने को मिला। दरअसल यहां एक लावारिस लाश को कोई छूने से भी घबरा रहा था तो ये सब इंस्पेक्टर न सिर्फ उस लाश को कंधे पर उठा कर दो किलोमीटर तक पैदल चली बल्कि उसका अंतिम संस्कार भी अपने हाथों से किया। श्रीकाकुलम जिले के कासीबुग्गा में तैनात सब इंस्पेक्टर के. श्रीषा ने जो किया वो मानवता की मिसाल बन गईं। ये कोई श्रीषा का काम नहीं था बल्कि ये रूटीन ड्यूटी से परे था।
गौरतलब है कि आदिविकोट्टूरू गांव के एक खेत में लोगों ने लावारिस लाश को देखा। लेकिन कोई भी उस लाश के पास जाने की हिम्मत नहीं कर रहा था। मालूम हुआ कि वह भीख मांग कर पेट भरा करा था। लेकिन उसका घर किसी को नहीं पता था।
श्रीषा को घटना की जानकारी मिली तो वो मौके पर पहुंचीं। वहां उन्होंने देखा कि लाश का अंतिम संस्कार तो दूर लोग उसके पास जाने से भी घबरा रहे थे। कोरोना के संक्रमण के डर की वजह से शायद लोग ऐसा कर रहे थे।
श्रीषा ने जो किया उसके लिए हर कोई उसकी तारीफ कर रहा है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी कृष्ण रेड्डी ने भी युवा पुलिस अधिकारी के इस मानवीय कदम की तारीफ करते हुए ट्वीट कियाउन्होंने कहा कि ऑफिशियल ड्यूटी से आगे एक कदम उठाकर अंतिम संस्कार में मदद करना दिखाता है कि हमारे देश में हर पुलिसकर्मी कितनी गहराई से अपने अंदर मानवीय मूल्यों को रखता है।