*फ्री फायर गेम ने ली पांचवी कक्षा के छात्र की जान*  

ऑनलाइन गेम के शौक ने एक बच्चे की जान ले ली। इस से पहले भी आनलाईन गेम और आनलाईन शासकीय – गैरशासकीय गतिविधियों के बढ़ते प्रभाव से अनभिज्ञ अनगिनत बच्चों एवं परिवार के नादानी ने अनेकों की जान ले चुकी है। हमारी सरकार आनलाईन खुशियां गिनाते नहीं थकती, राजनैतिक स्वार्थ की बीसातें बिछाकर मासूम बच्चे के जन्म के साथ ही उन्हें जहरीली वातावरण में जीने को मजबूर कर रही है। मोबाइल लोगों की दिनचर्या बन गई है। इससे सरकार की नींद में भी बांछे खिल रही है,

भोपाल ।  भोपाल के स्टेशन से करीब बजरिया इलाके के रहने वाले बच्चे को फ्री फायर गेम खेलने की आदत पड़ गई थी। बच्चे ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी हालांकि उसके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। अवधपुरी के सेंट जेवियर स्कूल में पढ़ने वाला सूर्यांश पांचवी कक्षा का छात्र था।

जाँच में जुटी पुलिस, मासूम ने लगाई फांसी, देश-प्रदेश की सरकारें आनलाईन खुशी गिनाते, बिछाते स्वार्थ की बिसातें..

जानकारी के मुताबिक शंकराचार्य नगर बजरिया में रहने वाले योगेश ओझा ऑप्टिकल की दुकान चलाते हैं। उनका 11 साल का इकलौता बेटा सूर्यांश सेंट जेवियर स्कूल अवधपुरी में पांचवीं का स्टूडेंट था। बुधवार दोपहर वह चचेरे भाई आयुष (21) के साथ दूसरी मंजिल के कमरे में बैठकर टीवी में फिल्म देख रहा था। इसी बीच, आयुष किसी काम से नीचे आ गया। थोड़ी देर बाद योगेश के भाइयों के बच्चे तीसरी मंजिल की छत पर पहुंचे। जहां, बॉक्सिंग रिंग में रस्सी के फंदे पर सूर्यांश लटका मिला। उन्होंने तुरंत घर के सदस्यों को बताया। परिजन तुरंत ही उसे निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टर ने चेक करते ही उसे मृत घोषित कर दिया।
बच्चे के परिजनों का कहना है कि वह मोबाइल में फ्री फायर गेम खेला करता था और उसे गेम वाले सीरियल देखने की बेहद आदत पड़ गई थी। पुलिस इस बात की पड़ताल कर रही है कि कहीं बच्चे ने गेम में मिले किसी टारगेट के चलते ऐसा कदम तो नहीं उठाया। हैरत की बात यह है कि बच्चे ने तीन महीने पहले भी फांसी लगाकर सुसाइड करने की कोशिश की थी लेकिन उसकी मां ने उसे बचा लिया था।
फ्री फायर एक सर्वाइवल शूटर या बैटल गेम है। फ्री फायर मोबाइल गेम पब्ग मोबाइल गेम से पहले आया था। यहां पैराशूट की मदद से प्लेयर जंप करते हैं। एक आयरलैंड में 39 प्लेयर के साथ प्लेयर अपनी मर्जी से किसी भी आयरलैंड में जा सकते हैं और अपनी मर्जी के से खेल सकते हैं। प्लेयर को सेफ जोन में रहकर आखिरी तक जीवित रहना होता है जो टीम आखिरी तक जीवित रहती है वह जीत जाती है। फ्री फायर 500 मिलियन बार डाउनलोड किया गया है।

आखीर कब तक बच्चे नादानी करते रहेंगे, जागरुक जनभावना को देखते हुए सरकार को अनेकों आनलाईन साइडों को बंद करने के लिए त्वरित कार्यवाही करने की  आवश्यकता है।