दिल्ली में कथित शराब घोटाले को लेकर पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई की छापेमारी हुई तो अब पार्टी के दो और नेताओं का नाम इससे जुड़ चुका है। प्रवर्तन निदेशालय ने पहले से एक अन्य केस में जेल में बंद स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से पूछताछ की तो सोमवार को बारी थी तीन महीने पहले ही राजेंद्र नगर सीट से उपचुनाव जीतकर विधायक बने दुर्गेश पाठक की। ईडी के समन के बाद विधायक केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने हाजिर हुए।
‘आप’ ने इसे राजनीतिक मामला बताया और दुर्गेश को मिलने समन को एमसीडी चुनाव से जोड़ दिया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ”आज ED ने ‘आप’ के MCD के चुनाव इंचार्ज दुर्गेश पाठक को समन किया है। दिल्ली सरकार की शराब नीति से हमारे MCD चुनाव इंचार्ज का क्या लेना देना? इनका टार्गेट शराब नीति है या MCD चुनाव?” पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भी कहा कि इस कथित शराब घोटाले के दौरान तो दुर्गेश पाठक विधायक भी नहीं थे। एक्साइज पॉलिसी से उनका कोई लेना देना नहीं है। फिर भी ईडी ने उन्हें समन के लिए बुलाया है।
हालांकि, सूत्रों का कहना है कि एमसीडी चुनाव के प्रभारी दुर्गेश पाठक को शराब नीति केस में आरोपी बनाए गए विजय नायर से कथित संबंधों की जांच को लेकर बुलाया गया है। जांच एजेंसी ने पाठक का मोबाइल फोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी बरामद किए हैं। सूत्रों ने बताया कि इसी महीने जब ईडी ने छापेमारी की थी तब पाठक मुंबई में विजय नायर के घर पर मौजूद थे। इसके बाद ही वह भी जांच एजेंसी की रडार पर आ गए।
शराब घोटाले को लेकर दर्ज सीबीआई के एफआईआर मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर एक बनाया गया है तो विजय नायर का नाम भी आरोपियों की सूची में शामिल है। पिछले सप्ताह ईडी ने 40 स्थानों पर छापेमारी की थी। उससे पहले 6 सितंबर को जांच एजेंसी ने दिल्ली तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा समेत कई राज्यों में 45 ठिकानों पर तलाशी ली थी। सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर का संज्ञान लेते हुए ईडी ने भी जांच शुरू की थी। एफआईआर में कहा गया है कि नायर कुछ अन्य लोगों के साथ अनियमितताओं में सक्रिय रूप से शामिल थे। एफआईआर के मुताबिक, विजय नायर एकमात्र ऐसे आरोपी हैं जो ना तो राजनीति से जुड़े हैं, ना नौकरशाह हैं और ना ही शराब कारोबारी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नायर एक कारोबारी हैं और एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के पूर्व सीईओ हैं।