भोपाल। भोपाल के छोरा थाना क्षेत्र में एक महिला टीचर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। महिला ने मरने से पहले अपने हाथ की हथेली पर ही सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें उसने कहा, “मैं अपनी मर्जी से अपनी जान दे रही हूं। मेरा मंगल मेरी जान ले गया”। कमरे से महिला के पति की एक फोटो भी मिली है, जिसके पीछे लिखा है, “मैं बेवफा नहीं हूं।” फिलहाल पुलिस महिला की पीएम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है। मृतक महिला का नाम इंदू साहू (37) था।

महिला शिक्षिका रायसेन जिले की रहने वाली थी और तीन साल पहले उसकी शादी भोपाल के छोला निवासी संगीत शिक्षक सुभाष साहू से हुई थी। वहीं इंदू सरकारी स्कूल में अतिथि शिक्षक के पद पर पदस्थ थी। गुरुवार सुबह महिला ने सुसाइड क्र लिया था, जिसकी जानकारी ससुराल वालों ने पुलिस को दी। पुलिस के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही ससुराल पक्ष के लोगों ने महिला का शव फांसी के फंदे से उतार लिया।

पुलिस को मृतका के शव के पास पति की फोटो मिली जिसके पीछे लिखा था ‘मैं बेवफा नहीं हूं’। इसके अलावा मृतका की हथेली पर भी लिखा ‘मैं अपनी मर्जी से अपनी जान दे रही हूं। मम्मी, पापा, भैया सॉरी. मेरा मंगल मेरी जान ले गया’। पुलिस इन दोनों हैंडराइटिंग का मिलान भी करवा रही है।

पुलिस के मुताबिक महिला के पति ने बताया कि उसकी पत्नी ने फांसी लगा ली है जबकि मृतका के परिजनों ने ससुराल वालों पर बेटी की हत्या का आरोप लगाया है। मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया कि दामाद उनकी बेटी को प्रताड़ित करता था

महिला इंदू के पिता मदन साहू का कहना है कि मौत से पहले बेटी का सुबह फोन आया था। उसने सब कुछ अच्छा बताया था। दामाद के दूसरी महिला से अवैध संबंध हैं। वह बेटी के चरित्र पर शंका करते हुए उसे ब्लैकमेल करता था। दो दिन पहले ही बेटी ने बताया था कि पति मायके नहीं आने दे रहा। वह कभी भी बेटी को लेकर घर नहीं आया। उसे नहीं रखना था, तो छोड़ देता। लड़की के हाथ में जो लिखा है, यह उसके ससुराल वालों ने लिखा है, उसके गले में चोट के निशान हैं उसके साथ मारपीट की गई है।

मृतका के पिता मदन साहू गैरतगंज में व्यापार करते हैं। उन्होंने बताया कि तीन साल पहले बेटी की शादी काफी धूमधाम से की थी। दहेज में 16 तोला सोना दिया था, लेकिन इन सब के बाद भी दामाद बेटी को ब्लैकमेल किया करता था। दामाद ने बेटी के नाम का सुसाइड नोट लिखकर रखा था और कहा था कि तुम्हारा नाम लिखकर जान दे दूंगा। बताया जा रहा है कि इंदू के घरवाले जब पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे तो सुभाष वहां से भाग गया।