नई दिल्ली ।
पिछले एक साल से अधिक समय से जारी महामारी में बुधवार को पहली बार दो हजार से अधिक लोगों की जान गई, जबकि तीन लाख के पास नए केस सामने आए। इन सबके बीच, सरकार वैक्सीनेशन प्रक्रिया को और तेज करने में लगी हुई है। एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने का ऐलान भी हो चुका है। अब सरकार ने जो ताजा आंकड़े दिए हैं, उससे चंद लोगों में भी जो वैक्सीन को लेकर आशंकाएं हैं, वे भी कम होंगी। दरअसल, केंद्र ने बुधवार को आंकड़े जारी करके बताया है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है, उनमें सिर्फ 5500 लोग ही कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। यानी कि दस हजार में सिर्फ तीन लोग ही संक्रमित पाए गए हैं।
केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन को लेकर बताया कि कोविशील्ड या कोवैक्सीन की पहली खुराक ले चुके 21000 से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं, जबकि उनकी दोनों खुराक ले चुके लोगों में से भी 5500 से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए। अभी तक कोवैक्सीन और कोविशील्ड की तकरीबन 13 करोड़ डोज लोगों को लगाई जा चुकी है। कोवैक्सीन की 1.1 करोड़ डोज में 93,56,436 लोग पहली डोज लगवा चुके हैं। पहली डोज के बाद पॉजिटिव होने वालों की संख्या 4208 है जोकि 0.04 फीसदी है। वहीं, 17,37,178 लोग कोवैक्सीन की दूसरी डोज लगवा चुके हैं। सिर्फ 695 लोग ही पॉजिटिव पाए गए हैं। यह दूसरी डोज लगवा चुके लोगों का सिर्फ 0.04 फीसदी ही है।
कोविशील्ड की साढ़े 11 करोड़ से अधिक खुराकें दी गईं
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा बनाई जा रही ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड की साढ़े 11 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी हैं। सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 10,03,02,745 पहली डोज लगाई गई हैं, जबकि इसमें से 17145 (0.02फीसदी) पॉजिटिव हुए हैं। वहीं, दूसरी डोज 15732754 दी गई हैं, जिसमें से 5014 लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। यह सिर्फ 0.03 फीसदी है। सरकार के इन आंकड़ों से साफ है कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वाले लोगों को कोरोना की दूसरी लहर में काफी राहत मिली है और संक्रमित होने वालों की संख्या काफी कम है।
गंभीर बीमारी होने से रोकती है वैक्सीन
वैक्सीन कोरोना के गंभीर संक्रमण से भी बचाती है। एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को बताया, ”वैक्सीन आपको गंभीर संक्रमण से बचाती है। हो सकता है कि यह आपको संक्रमित होने से न बचाए। यह समझना जरूरी है कि वैक्सीन के बाद भी पॉजिटिव रिपोर्ट आ सकती है, इस लिए टीका लगने के बाद भी मास्क पहनना जरूरी है।” उधर, सरकार ने बताया कि अभी यह देखने का समय नहीं है कि हमने क्या तैयारी की है और कहां चूक हुई, आज महामारी का एकजुट होकर मुकाबला करने का और इससे उबरने का समय है।
किस उम्र के कितने लोग दूसरी लहर में हुए संक्रमित?
सरकार ने बताया कि तीस साल या उससे अधिक उम्र के लोगों में पहली लहर में कोविड-19 के 67.5 फीसद मामले आए थे, वहीं दूसरी लहर में इस आयुवर्ग के 69.18 प्रतिशत मामले आए हैं। महामारी की पहली लहर में 20 से 30 साल के आयुवर्ग में कोविड-19 के 20.41 प्रतिशत मामले आए, जबकि दूसरी लहर में इस आयुवर्ग के 19.35 प्रतिशत मामले रहे। महामारी की पहली लहर में 10 से 20 साल के आयुवर्ग में कोविड-19 के 8.07 प्रतिशत मामले मिले थे। दूसरी लहर में 8.50 प्रतिशत मामले सामने आए हैं।