शुक्रवार शाम 5 बजे मनौद में व शाम 7.30 बजे खुर्सीपार में छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना की बैठक आयोजित की गई। जहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डी देशमुख ने कहा कि किसी भी राज्य के लोगों को गुलाम बनाना हो वहां की संपदाओं को लूटना हो तो वहां की शिक्षा व्यवस्था पर पहले प्रहार किया जाता है।
गरीब किसान छत्तीसगढ़िया समाज के लोगों को अच्छी शिक्षा ना मिल पाए इसलिए पहले तो 8 वीं तक फ्री में पास करने की नियम लागू किया गया। इसके बाद अब गुजराती भाषा को भी लोगों के ऊपर थोप दिया गया। कांग्रेस और भाजपा की सरकारों ने छत्तीसगढ़ के लोगों का सिर्फ शोषण किया है।
8 वीं कक्षा के बच्चों को ठीक से हिंदी पढ़ने तक नहीं आता – चंद्रभान साहू
छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के जिला सह संयोजक चंद्रभान साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा की व्यवस्था इतनी लचर है कि 8 वीं कक्षा के बच्चों को ठीक से हिंदी तक पढ़ने नहीं आता। स्कूलों से नेताओं को कोई मुनाफा नहीं होता इसलिए यहां की व्यवस्था पर मॉनिटरिंग नाम मात्र का होता है। यह एक छलावा है। सरकारी स्कूलों के बच्चों को भले पहली कक्षा से इंग्लिश सिखाने का दिखावा किया जाए। लेकिन असल तो यह है कि छात्र 12 वीं पास होने के बाद भी इंग्लिश ठीक से पढ़ नहीं पाता। बोलने और समझने की बात सिर्फ हवाओं में है।
राज्य के राजनीतिक संगठन नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ी को भाषा का दर्जा मिले – शशिभूषण चंद्राकर
छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के जिला संयोजक शशिभूषण चंद्राकर ने मंच से कहा कि छत्तीसगढ़ के राजनीतिक संगठन के लोग नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ी में राज काज हो। भाजपा-कांग्रेस का संचालन दूसरे प्रदेश से होता है। हमारे यहाँ के नेता उनके आदेशों का पालन करते हैं। इसलिए उनका दबाव कम होता है। कभी धोखा से विरोध में उतर गए तो उन्हें धक्का मार कर पार्टी से निकाल दिया जाता है।