नईदिल्ली : केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को माता-पिता द्वारा अलग की गईं दो समलैंगिक युवतियों को एक-दूसरे के साथ रहने की अनुमति दी. समलैंगिक जोड़े का रिश्ता माता-पिता को मंजूर नहीं था. 22 साल की आदिला नसरीन और 23 साल की फातिमा नूरा को आदिला द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर कोर्ट ने एक साथ रहने की अनुमति दी है. याचिका में नसरीन ने कहा था कि उसकी सहेली को उसके माता-पिता कथित तौर पर जबरन उसके घर से उठा ले गये.
याचिका में आरोप लगाया है कि उसकी सहेली को उसके माता-पिता ने कथित तौर पर कैद करके रखा है. आदिला ने याचिका में कहा, “19 मई को, मैं कोझिकोड पहुंची और फातिमा से मिली. कुछ दिनों तक हम कोझिकोड में एक शेल्टर होम में रहे, लेकिन जब रिश्तेदारों ने उन्हें उस स्थान पर ढूंढ लिया तो पुलिस ने हस्तक्षेप किया.” अदालत ने शुरू में पुलिस से कोझिकोड निवासी महिला को अदालत के समक्ष पेश करने के लिए कहा. जब कोझिकोड निवासी महिला पीठ के समक्ष उपस्थित हुई, तो उसने कहा कि वह अपनी याचिकाकर्ता सहेली के साथ रहना चाहती है.
जज ने कही ये बात
न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन की पीठ ने स्पष्ट किया कि अडल्टस के लिए एक साथ रहना प्रतिबंधित नहीं है. हाईकोर्ट ने आदिला नसरीन द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का भी निपटारा किया. कोर्ट के फैसले के बाद आदिला नसरीन ने कहा कि ये कठिन था और हमें भावनात्मक रूप से थका दिया. हमें LGBTQ समुदाय के लोगों का भरपूर समर्थन मिला. केरल उच्च न्यायालय के आदेश से, हम खुश और स्वतंत्र हैं. दरअसल, हम पूरी तरह आजाद नहीं हैं क्योंकि हमारे परिवार अब भी हमें धमका रहे हैं.
सोशल मीडिया का लिया था सहारा
मूल रूप से एर्नाकुलम निवासी याचिकाकर्ता महिला ने अपनी सहपाठी के साथ समलैंगिक संबंधों, दोनों के परिवारों के विरोध और सहेली को कथित तौर पर उसके परिवार द्वारा जबरन उठा लिए जाने की घटना पर ध्यान आकर्षित करने के लिए शुरुआत में सोशल मीडिया का सहारा लिया था. उसने सोशल मीडिया पर अपने वीडियो पोस्ट में आरोप लगाया था कि न केवल उसकी सहेली का परिवार उसे जबरदस्ती उठा ले गया, बल्कि पुलिस ने भी उसे वापस लाने के लिए कुछ नहीं किया.
सऊदी अरब में पढ़ाई के दौरान मिली
हालांकि, पुलिस ने दावा किया था कि उसने शुरू से ही इस मामले में हस्तक्षेप किया था और दूसरी युवती ने लिखित में दिया था कि वह स्वेच्छा से अपने माता-पिता के साथ जा रही है. इस वीडियो पोस्ट के मुताबिक दोनों महिलाएं एक-दूसरे से सऊदी अरब में तब मिलीं, जब वे कक्षा 11वीं में पढ़ रही थीं. पोस्ट के अनुसार कक्षा 12वीं में पहुंचने पर दोनों महिलाओं को एहसास हुआ कि वे समलैंगिक हैं और दोनों एक-दूसरे से प्यार करती हैं. ग्रेजुएशन के बाद दोनों ने साथ रहने का फैसला लिया. लेकिन उनके रिश्तेदारों ने इस रिश्ते पर आपत्ति जताई. भारत वापस आने पर भी दोनों ने अपने संबंधों को जारी रखा. लेकिन जब दोनों के परिवार को इसकी जानकारी हुई तो वे इस रिश्ते को तोड़ने पर अड़ गए.