नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल को लेकर सरकार फिलहाल पूरी ताकत से जुटी हुई है। इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि वर्ष 1986 में आई शिक्षा नीति के अमल से जुड़े जिस एक्शन प्लान को बनाने में छह साल का समय लगा था, उसे मौजूदा सरकार ने साल भर के भीतर तैयार कर लिया है। साथ ही इसके प्रभावी अमल को लेकर सार्थक नाम से एक पोर्टल भी लांच कर दिया है। यह नीति के अमल से जुड़े विषयों पर राज्यों के बीच सेतु का काम करेगा। इसके जरिये ही राज्यों में अमल को लेकर सुझाव दिए जाएंगे। साथ ही उनके अमल पर नजर भी रखी जा सकेगी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को स्कूलों में नई शिक्षा नीति के अमल से जु़ड़ा पूरा एक्शन प्लान जारी किया। साथ ही राज्यों के अमल पर पैनी नजर रखने वाले सार्थक (स्टूटेंड एंड टीचर्स होलिस्टिक एडवांसमेंट थ्रू क्वालिटी एजुकेशन) पोर्टल को लांच किया। फिलहाल यह एक्शन प्लान शिक्षा की समवर्ती प्रकृति को देखते हुए तैयार किया गया है। इसमें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह छूट दी गई है कि वे स्थानीय संदर्भ और जरूरत के मुताबिक अहम बदलाव भी कर सकते हैं। स्कूलों से जुड़ा यह प्लान 10 वर्षो का है। इस मौके पर निशंक ने कहा कि सार्थक स्कूलों में नई शिक्षा नीति के अमल का एक दस्तावेज है। यह मुख्य रूप से सांकेतिक और सुझाव देने वाला है। इसे समय-समय पर विभिन्न हितधारकों से मिलने वाले इनपुट और फीडबैक के आधार पर अपडेट भी किया जा सकेगा।

केंद्र सरकार ने जुलाई 2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की दी मंजूरी

एक्शन प्लान जारी करने के मौके पर नीति में स्कूली शिक्षा के लिए की गई प्रमुख सिफारिशों पर भी चर्चा की गई। साथ ही पिछली नीति के अमल की खामियों को भी प्रमुखता से रेखांकित किया गया है, ताकि नई नीति के अमल में ऐसी गलतियां न हो। साथ ही इसके अमल और परिणाम को लेकर जो लक्ष्य तक किए गए हैं, वह हासिल हो सके। गौरतलब है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्र सरकार ने जुलाई 2020 में मंजूरी दी थी। इसके बाद से ही इसके अमल का काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए लक्ष्य पहले ही तय किए जा चुके हैं